हरिद्वार। उत्तराखंड और इसके भविष्य को भ्रष्टाचार कैसे दीमक की तरह खा रहा है यह किसी से छुपा नहीं है। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्ती परिक्षा पेपर लीक मामले की जांच अभी ठंडी भी नहीं हुई है और 15 गिरफ्तारियां इस मामले में अब तक हो चुकी है। तो वहीं दूसरी ओर हरिद्वार में दलालों का बोलबाला इतना बढ़ गया है कि आरटीओ कार्यालय और अन्य कार्यालयों के साथ अब जिलाधिकारी कार्यालय भी इसकी चपेट में आ गया है। दलाल इतने बेखौफ है कि खुलेआम कार्यालयों के बाहर और आसपास खड़े रहते हैं और लोगों से काम कराने की रिश्वत मांगते हैं।
ऐसा ही एक मामला हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित डीएम कार्यालय का वायरल हो रहा है जिसमें एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से एक दलाल खुलेआम ₹50000 की रिश्वत मांगता हुआ दिख रहा है। मामला शस्त्र लाइसेंस बनवाने को लेकर है जिसमें वीडियो बनाने वाला व्यक्ति डीएम कार्यालय पहुंचता है तो वहां खड़ा एक दलाल पेशकार सुदेश कुमार के नाम पर काम कराने के ₹50000 मांगता है। वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में पेशकार सुदेश कुमार ने कमलेश कुमार शर्मा पुत्र सदाशिव शर्मा निवासी शारदा नगर ज्वालापुर, हाल पता शिवालिक कॉलोनी, भगत सिंह चौक के खिलाफ दिनांक 10/08/2022 को सिडकुल थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है और अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि आखिर वीडियो कब का है। लेकिन बड़ा सवाल तो यह खड़ा होता है कि जब जिलाधिकारी जैसे मुख्य कार्यालय पर दलाल इतने सक्रिय हैं तो आखिर इन पर किसी अधिकारी की नजर क्यों नहीं पड़ी और पहले इनके खिलाफ कारवाई क्यों नहीं हुई? दूसरी बात यह है कि हरिद्वार के अन्य विभाग के कार्यालयों पर लोगों के काम कैसे हो रहे होंगे इसका अंदाज आप खुद लगा सकते हैं। अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे जनपद में अन्य सरकारी विभागों के कार्यालय पर दलालों के खिलाफ क्या कारवाई करवाते हैं और जांच तो इस बात की भी होनी चाहिए कि आखिर यह व्यक्ति कार्यालय में किस से बात करने की बात कह रहा है।