आखिर कौन बो रहा त्रिवेंद्र की राह में कांटे! पुराना वीडियो और ऑडियो वायरल, कौन कर रहा छवि धूमल करने का काम? क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार

Listen to this article

हरिद्वार से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की राह में कौन कांटे बो रहा है, यह सवाल खड़े होना लाजिमी है! गौरतलब है कि हरिद्वार लोकसभा से भाजपा हाई कमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भरोसा जताया है और उन्होंने गंगा पूजन कर संतो से आशीर्वाद लेने के साथ ही चुनाव अभियान की शुरुआत भी कर दी है। हालांकि उनके स्वागत कार्यक्रम से लेकर अब तक भाजपा की गुटबाजी भी किसी से छिपी नहीं है। टिकट की दावेदारी कर रहे प्रत्याशी और उनके समर्थक पूरी तरह नदारत हैं और अब इसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, कि आखिर कौन त्रिवेंद्र सिंह रावत की राह में कांटे बनने का काम कर रहा है, विपक्ष का अभी कोई भी उम्मीदवार त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने नहीं आया है और ऐसे में राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग तरह की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। विगत दो दिनों में त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके करीबियों के जुड़े एक वीडियो और ऑडियो वायरल किया गया जिससे टीएसाआर की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। आपको बता दे की त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री काल में या यूं कहें कि उनकी सरकार में एक शिक्षिका के मामले ने तूल पकड़ा था जो पूरे प्रदेश में काफी चर्चा का विषय बना था। अब इस वीडियो को ही एक बार फिर सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल करवाया जा रहा है और इतना ही नहीं सोमवार को तो हरिद्वार के झबरेड़ा क्षेत्र में त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक करीबी नेता का पुराना ऑडियो वायरल करके त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा की छवि को धूमिल करने का काम भी किया जा रहा है। अब यही घटनाएं भाजपा के लिए भी यह एक बड़ा सिर दर्द बनकर सामने आ रही है कि, आखिर कौन लोग मुंह में राम बगल में छुरी जैसे काम कर रहे हैं!

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार?

वरिष्ठ पत्रकार ओम गौतम फक्कड़ कहते हैं कि हरिद्वार एक धार्मिक नगरी है और हरिद्वार की जनता हमेशा भाजपा पर भरोसा जताती आई है। विधायक की बात करें तो पिछले पांच बार से यहां भाजपा के विधायक हैं और पिछले 10 साल से यहां भाजपा के ही सांसद हैं और जिला पंचायत भी इस समय भाजपा की है। लेकिन इतने लंबे समय से कुछ नेताओं का एक छत्र राज होने के कारण भाजपा में एंटी इनकंबैसीं का माहोल है। उन्होंने कहा कि लोकसभा टिकट के प्रत्याशियों के लिए हरिद्वार से लगभग 7 से 8 नाम दिल्ली भेजे गए थे और ऐसे में टिकट न मिलने के कारण कई नेताओं के मंसूबों पर भी पानी फिर गया। ऐसे में अब त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए यह एक चुनौती है कि वह लोकसभा चुनाव में विपक्ष से दो-दो हाथ करेंगे या अपने कुनबे में बैठे आस्तीन के सांपों से। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए फ़िलहाल मदन कौशिक महाभारत के युद्ध में रथ पर सवार अर्जुन के लिए श्री कृष्ण की तरह सार्थी का कार्य रहे हैं और त्रिवेंद्र की नैय्या भी हरिद्वार में इस समय पूरी तरह मदन कौशिक पर निर्भर दिख रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मदन कौशिक भी अपने चुनिंदा नेताओं के अलावा भाजपा संगठन या अन्य लोगों को ज्यादा तवज्जो देते हुए दिखाई नहीं पड़ते हैं। इसे आप भाजपा के अंदर पैदा हो रही गुटबाजी का ज्वालामुखी भी कह सकते हैं।

error: Content is protected !!