उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में हरिद्वार सीट पर नामांकन भरने के साथ हीं मेयर प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दीं है। हर की पौड़ी पर गंगा पूजन भी किया जा चुका है, भाजपा की प्रत्याशी किरण जैसल की नैय्या को केवट की तरह पार लगाने के लिए नगर विधायक मदन कौशिक जुट गए हैं। बड़ी संस्थाओं में पहुंचकर बड़े वोट बैंक को अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया जा रहा है। नामांकन में तो हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए। बुधवार को नववर्ष के मौके पर किरण जैसल ने सीएम धामी से देहरादून में मुलाकात की। तो वहीं कांग्रेस के वरुण बालियान के साथ नामांकन से लेकर, गंगा पूजन एवं शुरुआती चुनाव प्रचार में किसी भी बड़े चेहरे का साथ में ना आना फिर से कांग्रेस की गुटबाजी और जमीनी स्तर पर संगठन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा रहा है।
आलम यह है कि हरिद्वार में कांग्रेस की बागडोर को संभालने वाले पार्टी के महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग पर ही पार्टी के कार्यकर्ता टिकट बंटवारे में धोखाधड़ी के आरोप लगा रहे हैं। चुनाव के दौरान प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद सिंबल किसी अन्य व्यक्ति को दिए जाने का मामला भी कई वार्डों से सामने आया है। जिसके बाद 30 दिसंबर को देवपुरा चौक स्थित यूनियन भवन पर कार्यकर्ताओं ने हंगामा भी किया और सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस नेताओं के साथ हाथापाई भी हुई। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार यानी 1 जनवरी को कांग्रेस ने हरिद्वार के 11 वार्डों में प्रत्याशी बदलने की सूची जारी की है, फिलहाल हरि टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता। ऐसे में कांग्रेस के संगठनात्मक फैसलों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसको लेकर महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया, कुछ दिन पहले भी उनसे पार्टी प्रत्याशियों की सूची को लेकर फोन पर बात करने की कोशिश की गई थी तब भी उन्होंने फोन नहीं उठाया था।
पिछले चुनाव में भी कांग्रेस निगम बोर्ड में बहुमत से काफी दूर रह गई थी और इस चुनाव की शुरुआत में कांग्रेस के भीतर मचे घमासान से कांग्रेस के भविष्य के लिए शुभ संकेत तो बिल्कुल नहीं दिखाई देते। अब सवाल यही है कि हरिद्वार मेयर सीट पर कांग्रेस की प्रत्याशी अमरेश देवी कैसे मजबूती के साथ मजबूत एवं अनुशासनात्मक संगठन वाली भाजपा से टक्कर ले पाएंगी? यह देखने वाली बात होगी। क्योंकि ऐन मौके पर लगभग एक दर्जन वार्डों में सूची बदलने से पार्टी में गुटबाजी की संभावनाएं भी प्रबल हो चली है। वार्ड 1 सप्तऋषि से लेकर वार्ड 40 ज्वालापुर तक प्रत्याशी बदले जाने से कांग्रेस के कार्यकर्ता बगावत करके निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए हैं। वही हरिद्वार जनपद में कांग्रेस के विधायकों से लेकर प्रदेश स्तर के वरिष्ठ नेता भी कांग्रेस प्रत्याशी के कार्यक्रमों से अब तक नज़राद हैं। हालांकि अभी यह महज चुनाव की शुरुआत है।
चुनाव प्रचार में 20 दिन बाकी हैं, तो देखना होगा कि कनखल की गलियों में फोटो खिंचवाकर कर सोशल मीडिया पर डालने वाले नेता भी क्या चुनाव प्रचार में साथ दिखाई देंगे! इसकी तस्वीर भी आने वाले दिनों में साफ हो जाएगी। कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी के पुत्र वरुण बालियान को तेज तर्रार और मुखर नेता माना जाता है, जो आजकल एकला चलो की राह पर ही चलते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में वह तमाम चुनौतियों से कैसे पार पाएंगे यह आने वाली 25 जनवरी ही बताएगी।
प्रदेश स्तर पर मचा हुआ घमासान
सिर्फ हरिद्वार ही नहीं उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में भी घमासान मचा हुआ है। प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने पिथौरागढ़ से अपनी धर्मपत्नी को कांग्रेस से टिकट न दिए जाने पर पार्टी के नेताओं पर जुबानी हमला बोल दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि वह 40 साल से ज्यादा पार्टी की सेवा कर रहे हैं और कभी भी पार्टी ने उनको कोई बड़ा मौका नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि माफियाओं और रसूखदारों को टिकट दिए जा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हमेशा पार्टी के वरिष्ठ नेता मथुरा दत्त जोशी का पार्टी ने सम्मान किया है।
टिकट न मिलने पर हरीश रावत के करीबी ने दिया इस्तीफा
वही अल्मोड़ा से टिकट न मिलने पर हरीश रावत के करीबी बिट्टू कर्नाटक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बिट्टू कर्नाटक ने मीडिया से बातचीत में कांग्रेस की कार्यप्रणाली और टिकट बंटवारे पर असंतोष व्यक्त किया है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल बेस्ट का कहना है कि हरीश रावत ने बिट्टू कर्नाटक को हमेशा सम्मान दिया और उन्हें संयम के साथ अपने वक्त का इंतजार करना चाहिए ऐसे अवसर राजनीति में आते और जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में हर किसी की अपनी महत्वाकांक्षा होती है और टिकट न मिलने से नाराजगी स्वाभाविक है। क्यों कि हर किसी को टिकट मिल पाना संभव नहीं है।