हरिद्वार के भूपतवाला स्थित विशुद्ध आश्रम में ब्राहलीन विशुद्धानंद महाराज की पुण्यतिथि पर संत समागम आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता महंत रतन देवी महाराज ने की, अपने अध्यक्ष उद्बोधन में महंत रतन देवी महाराज ने कहा कि ब्राहलीन विशुद्धानंद महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूजनों एवं ब्राहलीन विशुद्धानंद महाराज द्वारा स्थापित आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करते हुए संत समाज के सहयोग से सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। ब्रह्मलीन संत विशुद्धानंद महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार में ब्रह्मलीन विशुद्धानंद महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए।
संत सम्मेलन का संचालन रवि देव शास्त्री ने किया। कार्यक्रम में महामंडलेश्वर अंनतानंद, महंत कृष्ण स्वरूप, स्वामी हरिहरानंद, महंत ऋषिशवरानंद, महंत योगेंद्रानंद शास्त्री, महंत कर्मयोगी, संजय महाराज, महंत गुरेंदर दास, ट्रस्टी हरदयाल सिंह, सुरेंद्र कुमार ओहरी, सुभाष चंद्र, हरजीत कौर, सुरेंद्र सिंह, सरबजीत सिंह, राकेश शर्मा, शेलेदर् पाल, संतोष कुमारी, भेपेदर् सिंह आदि मौजूद थे।