जहां एक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त खत्म करने की जंग लड़ रहे हैं, तो वहीं सरकारी दफ्तर में बैठे अधिकारी दीमक की तरह प्रदेश को खत्म करने का काम कर रहे हैं। एक और ताजा मामला हरिद्वार के रुड़की से सामने आया है जहां भैंस खरीदने के लिए लोन लेने गए ग्रामीणों से लोन पास करने के एवज में जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक ने हजारों की रिश्वत की मांग कर डाली। इसके बाद पीड़ित ने रिश्वतखोर अधिकारी को फसाने के लिए विजिलेंस को शिकायत की और विजिलेंस ने ट्रैप बनाकर अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में लिखा कि अमन, निवासी पीतपुर, थाना लक्सर हरिद्वार द्वारा टोल फ्री नम्बर-1064 पर शिकायत की गयी, कि उसकी पत्नी प्रियंका देवी व उसके चाचा के लड़के मोनू कुमार तथा पड़ोसी राहुल कुमार द्वारा दीनदयाल योजना के अन्तर्गत भैंस खरीदने के लिए एक-एक लाख ऋण हेतु अपने क्षेत्र के जिला सहकारी बैंक की शाखा ग्राम मगरूनपुर, थाना बहादराबाद हरिद्वार में आवेदन किया था। इन तीनों की लोन की बैंक में होने वाली समस्त औपचारिकताऔं व पैरवी उसके द्वारा की जा रही थी, जिसके सम्बन्ध में वह उक्त जिला सहकारी बैंक की शाखा ग्राम मगरूबपुर के शाखा प्रबन्धक संदीप कुमार पुत्र स्व0 जल सिंह, निवासी ग्राम सडौली, पो0ओ0/थाना- झबरेड़ा, जनपद हरिद्वार से मिला तो मैंनेजर द्वारा उक्त तीनों के लोन पास करने की एवज में 11-11 हजार कुल 33 हजार रिश्वत की मांग की गयी। शिकायतकर्ता द्वारा हामी भरने पर तीनों खातों में एक-एक लाख रूपये डाल दिये, जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 19.09.2023 को लोन पास करने के नाम पर कुल 29000/- रू0 रिश्वत के रूप में बैंक मैंनेजर को दे दिये।
दिनांक 20.09.2023 को जब मोनू अपने खाते में से लोन के शेष 50 हजार निकालने गया तो बैंक मैनेजर ने पुनः पूर्व में तयशुदा 33 हजार रू0 में से 4000/- रू0 की मांग की गयी। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था, अपितु ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार करवाना चाहता था।
उक्त शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून की ट्रैप टीम द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए अभियुक्त संदीप कुमार जिला सहकारी बैंक की शाखा ग्राम मगरूबपुर के शाखा प्रबन्धक,थाना- झबरेड़ा, जनपद हरिद्वार को शिकायतकर्ता से रू0 4000/- रिश्वत ग्रहण करते हुए दिनांक 22.03.2023 को समय 03.30 बजे रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। निदेशक सतर्कता द्वारा ट्रैप टीम को नकद पुरूस्कार की घोषणा की गयी।