हरिद्वार 2 नवंबर 2022। उत्तराखंड में अग्निवीर भर्ती शुरू होते ही विवादों में आ गई थी, जिस तरह से भर्ती में गए युवकों ने खुलेआम मीडिया के सामने आकर भर्ती का समय कम करने, हाइट बढ़ा देने, दौड़ में ज्यादा युवकों को भगाने एवं कम लोगों को चयनित करने और भर्ती से जुड़े अन्य तथ्यों पर अपनी राय रखी तो वही सरकार ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अधिकारियों से बातचीत करके रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। उत्तराखंड में हुए अंकिता हत्याकांड के कारण यह मामला दबा का दबा रह गया था। लेकिन एक बार फिर मंगलवार को उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद में एक युवक द्वारा अग्निवीर भर्ती पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए जहर खाकर जान देने का मामला सामने आते ही प्रदेश में बवाल मच गया है। सोशल मीडिया पर युवक के साथ हजारों युवक अपना समर्थन जुटा रहे हैं और मामले की जांच की मांग भी होने लगी है।
खुदकुशी करने से पहले युवक ने जिस तरह से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला उससे यह दर्शाता है कि जैसे उत्तराखंड में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। वीडियो में युवक को साफ कहते हुए सुना जा सकता था कि कैसे उसके पास एनसीसी का सी सर्टिफिकेट होने के बाद भी भर्ती से बाहर किया गया और बताया तो यह भी जा रहा है कि युवक अपने गांव में सबसे सर्वश्रेष्ठ होनार बच्चा था। युवक के इस कदम से घर में मातम का माहौल है। कपकोट के मल्लादेश निवासी कमलेश गिरी (21) पुत्र हरीश गिरी के परिजनों ने बताया कि, सोमवार को अग्निवीर परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ, जिसमें कमलेश का चयन नहीं हो पाया। इसके बाद जब उन्होंने सोशल मीडिया पर कमलेश के रोते हुए स्टेटस देखे तो पता चला कि, वह तनाव में है। परिजनों को कमलेश घर के पास ही तड़पता हुआ मिला।
कमलेश गिरी ने सल्फास गटक लिया था। बागेश्वर जिला अस्पताल में कमलेश की मौत हो गई। कोतवाल कैलाश नेगी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों ने बताया कि सेना में भर्ती होने के लिए कमलेश तीन साल से तैयारी कर रहा था। पहले कोविड से सेना की भर्ती लटकी रही। उसके बाद अग्निवीर भर्ती शुरू हुई। अग्निवीर की भर्ती में शारीरिक दक्षता और मेडिकल पास करने के बाद उसे अपने चयन का पूरा भरोसा हो गया था। लेकिन वह लिखित परीक्षा में असफल हो गया। युवक के इस कदम से घर में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।