उत्तराखंड में 2001 बैच के पुलिसकर्मी ₹4600 ग्रेड पे की मांग पिछले कई महीनों से उठाते हुए आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव के समय भी उन्होंने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उस समय सरकार बनने के बाद 1 महीने के अंदर ग्रेड पर लागू करने की बात भी कही थी, लेकिन सरकार बनने के लगभग 4 महीने बाद भी अब तक इस मामले पर कुछ नहीं हुआ। तो वहीं पुलिस परिजनों का आक्रोश भी चरम सीमा तक पहुंचता जा रहा है, इसी के बीच एक-दो दिन पहले देहरादून में पुलिस परिजनों द्वारा पत्रकार वार्ता की गई और अपना आक्रोश जताते हुए आंदोलन की बात भी कही गई। लेकिन सरकार ने उनकी मांगे पूरी न करने के बजाएं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे मुख्य परिजनों के तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
बीते दिनों मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी 2001 बैच के सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे नहीं मिल रहा था। इसको लेकर कई चरणों में पुलिसकर्मियों के परिजनों ने अफसरों और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की थी, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल पाया।
दरअसल लंबे समय के बाद रविवार को कुछ पुलिसकर्मियों के परिजनों ने प्रेस क्लब के पास एक रेस्टोरेंट में इकट्ठा होकर उन्होंने प्रेस वार्ता की। जिसके बाद उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी का इल्जाम लगाया और आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।
वहीं सोमवार को भी परिजनों ने पुलिस मुख्यालय के बाद आंदोलन करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन बाद में डीजीपी अशोक कुमार ने उन्हें भारोसा दिलाकर वापस भेज दिया।
इन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
वहीं सोमवार को डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर खुफिया एजेंसी तंत्र अलर्ट हो गया, और उन्होंने सिपाहियों के बारे में पता किया। जिसमें पता चला कि चमोली पुलिस लाइन में तैनात सिपाही दिनेश चंद, एससीआरबी देहरादून में तैनात सिपाही हरेंद्र सिंह और एसडीआरएफ उत्तरकाशी में तैनात कुलदीप भंडारी को सस्पेंड कर दिया गया है।