प्रशासन ने मकर संक्रांति का स्नान रद्द करके व्यापारियों पर किया है कुठाराघात, चुनाव को टाले केंद्र सरकार

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हरिद्वार। कोरोना के ओमिक्रोन वैरीएंट बड़ी तेज गति से भारत और उत्तराखंड में बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर सरकार ने भी गाइडलाइन जारी की थी और प्रदेश में नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया गया था। 14 जनवरी को सनातन धर्म का बहुत बड़ा पवित्र पर्व मकर सक्रांति है और इसी के मद्देनजर हरिद्वार में प्रशासन ने मकर सक्रांति के स्नान को रद्द कर दिया है। हर की पौड़ी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में बाहरी एवं स्थानीय व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और हरिद्वार में आने वाले बाहरी राज्यों के लोगों की चेकिंग भी की जा रही है और उन्हें बार्डर से वापस किया जा रहा है।

आज हरिद्वार में मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी के मां गंगा सेवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष सुरेश तनेजा ने लोहड़ी और मकर सक्रांति की शहर वासियों को बधाई देते हुए कहां है कि मकर संक्रांति के स्नान पर रोक लगाना यह व्यापारियों के साथ कहीं ना कहीं अन्याय हैं। क्योंकि कोविड काल के बाद व्यापारियों के लिए कुंभ सरकार ढंग से नहीं करा पाई और उसके बाद कांवड़ मेले में व्यापारियों की आस जगी थी लेकिन उसको भी रद्द कर दिया गया और अब जब व्यापारी ने सोचा था कि वह इस मकर सक्रांति के स्नान से कुछ पैसे कमा करके रोटी खाएगा तो प्रशासन ने उसे भी रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को हरिद्वार आकर 14 जनवरी (मकर सक्रांति) पर स्नान करने के लिए आमंत्रण दिया था लेकिन वह भी अब इस कारण हरिद्वार नहीं आ पा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि आम जनता कोविड-19 से परेशान हैं और नेता चुनाव में व्यस्थ है? क्या चुनाव अभी रद्द नहीं हो जाने चाहिए थे तो उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी से मांग करता हूं कि पांच राज्यों के चुनावों को 6 महीने टाल देना चाहिए।

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