नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार नंदन कुमार, IAS के निर्देशों के क्रम में वार्ड संख्या 35 में नगर निगम अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान कार्यप्रणाली में गंभीर अनियमितताएँ एवं शिथिलता पाए जाने पर संबंधित कार्यवाहक सुपरवाइज़र के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्यवाही की गई है।
निरीक्षण टीम द्वारा किए गए सत्यापन में निम्नलिखित तथ्य सामने आए—
1. वार्ड में तैनात दो महिला कर्मचारी निरीक्षण के समय अनुपस्थित पाई गईं, जबकि सुपरवाइज़र द्वारा उन्हें ‘कार्यरत’ दर्शाए जाने की शिकायत प्राप्त हो रही थी।
2. कर्मचारियों के उपस्थिति पत्रक सुपरवाइज़र द्वारा 4–5 दिन बाद भरे जा रहे थे, जिससे अभिलेखों में हेरफेर की आशंका स्पष्ट होती है।
3. जब निरीक्षण टीम ने दोनों महिला कर्मचारियों के संबंध में जानकारी मांगी, तो सुपरवाइज़र ने उन्हें अवकाश पर बताया, जबकि इससे पूर्व उन्हें लगातार ड्यूटी पर उपस्थित दिखाया गया था।
4. उपस्थिति पत्रक के अवलोकन में पाया गया कि—
उपस्थिति पत्र समयानुसार नहीं भरा गया था,
अभिलेखों में कटिंग, ओवरराइटिंग एवं संदिग्ध प्रविष्टियाँ पाई गईं,
कई प्रविष्टियाँ अधिकारी द्वारा स्व-प्रमाणित नहीं थीं।
इन सभी तथ्यों को कर्तव्य में घोर लापरवाही, अभिलेखों में अनियमितता तथा गलत विवरण प्रस्तुत करने के रूप में अत्यंत गंभीर माना गया। उपलब्ध तथ्यों एवं निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर नगर आयुक्त श्री नंदन कुमार, IAS द्वारा संबंधित सुपरवाइज़र के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश जारी किए गए।
नगर आयुक्त द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि—
“नगर निगम में किसी भी प्रकार की लापरवाही, अनुशासनहीनता अथवा अभिलेखों में हेरफेर को किसी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। सभी कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण सत्यनिष्ठा एवं पारदर्शिता के साथ करें।”
