खैर के पेड़ काटने पर वन विभाग की कारवाई, चार गिरफ्तार, किसकी रही अहम भूमिका!

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हरिद्वार 9 नवंबर 2024। हरिद्वार वन प्रभाग की विभिन्न रेंजों में पिछले कुछ समय में हुई खैर के अवैध पातन की घटनाओं में संलिप्त अभियुक्तों की खोजबीन एवं धर-पकड़ की कार्यवाही हेतु रेंज स्तर पर वन क्षेत्राधिकारियों के नेतृत्व में टीमों के गठन के साथ मुखबीर तन्त्र को मजबूत कर कार्यवाही की जा रही थी। इसी के तहत दिनांक 9 नवम्बर 2024 समय प्रात: लगभग 3:15 ए०एम० को मुखबिर खास से मिली सूचना के आधार पर पथरी सैक्शन की टीम द्वारा प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार के निर्देशन में पथरी के आरक्षित वन क्षेत्र से 20 वर्षीय अभियुक्त सभी पुत्र शाहिर नि० सरवट थाना सिविल लाईन मुज्जफरनगर जिला मुज्जफरनगर, उ०प्र०, 23 वर्षीय थामीन पुत्र स्व0 अबदुलह भीद नि० सरवट थाना सिविल लाईन मुज्जफरनगर, जिला मुज्जफरनगर, उ०प्र०, 19 वर्षीय अंकित पुत्र करताराम नि० हबीबपुर कुरडी थाना रायसी, जिला हरिद्वार, उत्तराखण्ड, 24 वर्षीय सौरभ पुत्र जगबीर नि० लक्सर थाना लक्सर जिला हरिद्वार, उत्तराखण्ड को मौके से 1 महिन्द्रा एण्ड महिन्दा पिकप से 32 नग खैर प्रकाष्ठ सहित गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में अभियुक्तों के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 के अन्तर्गत वन अपराध दर्ज कर गिरफ्तार अभियुक्तो को जिला कारागार हेतु निरूद्ध किया गया है। वर्तमान में प्रकरण में जांच गतिमान है। तथा उक्त प्रकरण में संलिप्त अन्य अभियुक्तों को पकड़ने हेतु सर्च अभियान / दबिश आदि की कार्यवाही की जा रही है।

गठित टीम के सदस्य निम्न प्रकार थे-

शैलेन्द्र सिंह नेगी वन क्षेत्राधिकारी हरिद्वार, अरविन्द कुमार वन दरोगा, रोहित वन रक्षक, योगेश वन रक्षक, शिवेक वन रक्षक, श्याम लाल वन रक्षक, राहुल चौहान उपनलकर्मी, अंकित उपनलकर्मी, सोनी कुमार उपनलकर्मी, आदि वन कर्मचारी सम्मिलित रहे।

अपील प्रभागीय वनाधिकारी, हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा सर्वसाधारण से अपील की जाती है कि आरक्षित वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि ( अवैध आखेट, अवैध पातन, अवैध खनन इत्यादि) भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधन 2023 की धारा 09/51 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। अगर कोई व्यक्ति अवैध गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी सूचना वन विभाग अथवा निकट वन चौकी को देने का कष्ट करें।

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