देहरादून। उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के भविष्य साथ पेपर लीक जैसे घटनाओं ने प्रदेश में बवाल मचा दिया था। 2022 में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग एवं उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पेपर लीक जैसी गंभीर घटनाएं सामने आने के बाद युवाओं ने प्रदेश में कई महीनो तक विरोध प्रदर्शन किया एवं लाठीचार्ज जैसी घटनाएं तक देखने को मिली। वही इस मामले के मास्टरमाइंड का नाम सामने आने के बाद मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी ने गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करने के बाद कहते हुए प्रदेश के युवाओं को आश्वासन तो दिया था लेकिन अब एक साल बाद हाकम सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जज ए एस बोपन्ना और प्रशान्त कुमार मिश्रा ने बहस सुनने के बाद जमानत मंजूर की है। सुप्रीम कोर्ट के वकील ऋतुपर्ण उनियाल ने बताया कि हाकम सिंह के साथ विपिन बिहारी और शशिकांत को भी जमानत मिली गई है।
एक साल से जेल में बंद ये तीनों अब बाहर आ जाएंगे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई बहस में राज्य सरकार ने जमानत का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि ये लोग केस को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। जबकि हाकम सिंह के वकील ने कहा कि ट्रायल में देरी और एक साल तक जेल में रखा गया। लिहाजा, जमानत की कोर्ट से अपील की गई।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाकम सिंह समेत तीन को जमानत दे दी। बीते साल हाकम सिंह को थाईलैंड से लौटने के बाद उत्तरकाशी जिले से गिरफ्तार किया गया था। इस भर्ती घोटाले में एसटीएफ 80 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी।
हाकम सिंह के कई बड़े नेताओं और अधिकारियों से करीब के रिश्ते रहे। भाजपा से जिला पंचायत सदस्य बने हाकम सिंह के उत्तरकाशी जिले में स्थित रिसॉर्ट भी तोड़ दिए गए थे। वहीं अब यह विषय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुका है उत्तराखंड के बेरोजगार युवा मिम्स के जरिए सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की टिप्पणी करते हुए इस फैसले का विरोध जाता रहे हैं।