गुरु की आज्ञा का पालन ही जीवन में सर्वोपरि – स्वामी अवधेशानंद गिरी

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हरिद्वार। भारत माता जनहित ट्रस्ट के सानिध्य में आज तृतीय गुरु स्मृति समारोह ब्रह्मलीन एवं निवर्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज का हरिपुर कलां स्थित समाधि स्थल पर संपन्न हुआ। तृतीय गुरु स्मृति श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर एवं भारत माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने की।

इस अवसर पर अनेक अखाड़ों एवं आश्रमों के श्री महंत एवं महामंडलेश्वरों ने कार्यक्रम में पहुंचकर ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी को श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह को संबोधित करते हुए जयराम आश्रम पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि गुरु की महिमा अपरंपार होती है। क्योंकि‌ सच्चे और निष्ठावान गुरु हमेशा समाज और देश हित के लिए कार्य करते हैं।

उन्होंने कहा कि निवर्तमान शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज और उनके गुरु ब्रह्मलीन देवेन्द्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी दोनों महान विभूतियों का आशीर्वाद मुझे मिला है और मैं इसके लिए अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं। ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि तृतीय गुरु स्मृति समारोह मैं मंच पर आसीन मेरे बड़े भाई जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज का भी मुझे अपना प्रेम स्वरूप आशीर्वाद मिलता है।

उत्तराखंड सरकार के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने भी गुरु स्मृति श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत माता मूर्ति की स्थापना से लेकर अब तक उन्हें भी निवर्तमान शंकराचार्य एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त महाराज श्री का सदैव आशीर्वाद मिलता रहा है। अग्रवाल ने कहा कि वे त्यागी, तपस्वी और बड़े ही ओजस्वी संत थे।

जिनके मार्गदर्शन से समाज को आज भी प्रेरणा मिल रही है और भविष्य में भी मिलती रहेगी। समारोह को संबोधित करते हुए श्री राम जन्मभूमि राष्ट्र के कोषाध्यक्ष विद्वान भागवताचार्य एवं महामंडलेश्वर श्री स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा कि महाराज श्री ने अपने पूरे जीवन काल में बड़े सहज और सरलता के स्वभाव से अनेक प्रकल्पों को समाज और गरीब हित में चालू किया।

आज वह पूरे देश में ही नहीं विश्व में जनमानस की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि उन प्रकल्पों को राष्ट्र सेवा के लिए आगे बढ़ाने में बढ़ चढ़कर कर हिस्सा लें। समारोह में महामंडलेश्वर श्री स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज ने 1992 के एक प्ररेक प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा कि मैं आज उनके आशीर्वाद से ही श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर विराजमान हूं।

इस मौके पर उन्होंने अपनी ओर से भावांजलि समर्पित की। समारोह मैं अध्यक्षीय संबोधन करते हुए श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर एवं भारत माता मंदिर समन्वय सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि उनके गुरुजी के अंदर सबसे बड़ा स्वभाव क्षमा करने का स्वभाव के साथ-साथ बाल स्वभाव भी विराजमान था। उन्होंने समारोह में उपस्थित जनसमूह से आवाह्न किया कि गुरु जी की स्मृति स्थल पर भव्य मंदिर बनाने का संकल्प लेकर हम सब आगे बढ़ रहे हैं और उम्मीद है कि सभी की सहभागिता से यह भव्य मंदिर का निर्माण शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।

इस अवसर पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने सभी श्रद्धालु भक्तों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह शीघ्र ही पूरे देश के सभी राज्यों में भ्रमण के लिए निकलेंगे और साथ ही विदेशों में भी जाएंगे, जहां जहां हमारे प्रकल्प चल रहे हैं। इन प्रकल्पों को हम अपने प्रयास और सार्थकता से गति देने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। यही गुरु जी को सच्ची श्रद्धांजलि और भावांजलि होगी। समारोह में आए हुए सभी देश के कौने-कौने से श्रद्धालु भक्तों का और आश्रमों के संत महापुरुषों का धन्यवाद जनहित सेवा ट्रस्ट के सचिव आईडी शर्मा शास्त्री ने किया।

इस अवसर पर सर्वश्री महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी, श्री स्वामी महंत देवानंद सरस्वती जी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल एवं ऋषीकेश नगर निगम की मेयर अनीता मंमगोई सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे। हरिद्वार में ही मौजूद होने के कारण भारतीय संसद के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी समारोह स्थल पर पहुंचना था लेकिन हरिद्वार में राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन जाम के कारण, समारोह में नहीं पहुंच सके।

इससे हरिद्वार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि फोरलेन हरिद्वार में होने के बावजूद भी चक्का जाम से हरिद्वार को मुक्ति नहीं मिली है। ज्ञात रहे कि अधिकांश अधिकारी यहां से लगभग 15 किलोमीटर दूर रोशनाबाद में बैठते हैं। इससे यह लापरवाही जिला प्रशासन अधिकारियों की दर्शाती है कि पंचपुरी हरिद्वार की स्थानीय जनता की परेशानियों और दुख दर्द से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। यात्री की बात तो दूर ही रही।

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