हरिद्वार। हरिद्वार का पतंजलि योगपीठ देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी बहुत ही प्रसिद्ध है और योग से शुरू हुआ पतंजलि धीरे-धीरे पूरे संसार में अब एक आयुर्वेदिक ब्रैंड के तौर पर उभरा है और विश्व में इसने अपनी अलग ही छाप छोड़ी है लेकिन पतंजलि और बाबा रामदेव अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं। या यूं कहें पतंजलि योगपीठ और बाबा रामदेव का विवादों से गहरा नाता है।
ताजा मामला पतंजलि द्वारा लोगों के घरों को दबाकर ऊंची इमारतें खड़े करने का है। जिसमें मकान मालिकों द्वारा पतंजलि योगपीठ पर उनके मकानों की बिजली, पानी और सीवरेज के कनेक्शन काट दिए जाने के आरोप लगाए हैं, मकान मालिकों का आरोप है कि 2010 में उनके द्वारा गीतांजलि रेजिडेंसी कॉलोनी में मकान खरीदे गए थे। जिसके बाद कॉलोनी को कॉलोनी नाइजरो द्वारा बिना मकान मालिक को किराए के पतंजलि योगपीठ को दे दिया गया। जिसके बाद से पतंजलि योगपीठ द्वारा लगातार उन्हें परेशान किया जा रहा है और उन्हें मकान छोड़ने को विवश किया जा रहा है।
यह है पूरा मामला
पतंजलि योगपीठ के समीप ग्राम बहादरपुर सैनी फेस वन के साथ में बनी गीतांजलि रेजिडेंसी नाम की एक कॉलोनी थी। जिसको आकाशगंगा डेवलपर्स द्वारा 2005 से 2015 तक बनाया गया था जिसके बाद कुछ मकान मालिक के द्वारा 2010 में कॉलोनी में मकान खरीदे गए जिसके बाद आकाशगंगा डेवलपर्स द्वारा पूरी कॉलोनी को पतंजलि योगपीठ को बेच दिया। लेकिन जो मकान मालिक यहां पर डटे रहे पतंजलि योगपीठ द्वारा 2017 में उनके घरों की बिजली, पानी, सीवरेज आदि कनेक्शन काट दिए गए, साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोनावायरस डाउन में हमारे मकानों को दबाकर चारों तरफ सड़कें बनाने अभी से लेकर इमारतें बनाने का काम जारी रहा और उन्होंने सबूत दिखाते हुए भी कहा कि कानूनगो ने भी वहां का निरीक्षण किया लेकिन उसके बाद भी उन्होंने अपना काम जारी रखा और हमारे मकानों को खाली एरिया दिखाकर उसका नक्शा पास कराने की कोशिश की गई।
लेकिन जब हमने शिकायत सीएम पोर्टल पर की तो हमें दबाव बनाकर सीएम पोर्टल से शिकायत हटाने के लिए कहा गया। लेकिन जब मामला सोशल मीडिया पर उछला तो तहसीलदार को भी जवाब में यह कहना पड़ा कि उक्त जमीन पर ऐसी परिस्थितियों में कोई भी एनओसी पास नहीं हो सकती। साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ मकान मालिक को ओर किरायेदारों को डरा धमका कर यहां से जाने के लिए मजबूर किया गया, तो कुछ मकान मालिकों से ओने पौने दामों में मकान खरीद लिए गए।
जो लोग यहां बचे उन लोगो ने अपने घरों के लिए कोर्ट की शरण ली। अपने घरों को वापस पाने के लिए लड़ रहे सतीश सेठी, नवीन सेठी, केशव जुयाल, अनिल यादव, राशि मलिक आदि लोगों द्वारा आज प्रेस क्लब हरिद्वार में प्रेस वार्ता कर सरकार से हस्तक्षेप कर उनके मकान वापस दिलाने की बात कहीं। प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए पीड़ित पक्ष के लोगों द्वारा आरोप लगाया गया कि पतंजलि योगपीठ द्वारा बनाया गया विश्वविद्यालय बिना किसी नक्शे के बना होने के कारण एचआरडीए द्वारा उन पर 6 करोड़ 92 लाख की पेनल्टी लगाई गई जो यह सिद्ध करती है कि पतंजलि योगपीठ विश्वविद्यालय का नक्शा एचआरडी के द्वारा पास नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा उनके मकानों को चारों ओर से बड़ी दीवारों द्वारा दबा दिया गया है और उनके बिजली पानी और सीवर के कनेक्शन काट दिए गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब भी कोई बड़ा कार्यक्रम पतंजलि में होता है तो उसका कूड़ा हमारे मकानों में डाला जाता है इसका हमारे पास सबूत भी है। उन्होंने बताया कि मामला उच्च न्यायालय नैनीताल में भी चल रहा है लेकिन अभी तक न्यायालय में कोई सुनवाई नहीं हुई है।
बिजली विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
साथ ही उन्होंने बिजली विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब हमने बिजली का बिल पहले भरे हैं तो अब हमारे बिजली कनेक्शन क्यों काटे गए? तो उनको बिजली विभाग द्वारा यह जवाब दिया गया कि आप जाकर पतंजलि योगपीठ से बात करें। इस पर मकान मालिकों द्वारा कहा गया कि अब हम बिजली विभाग को भी नोटिस जारी करके इनके खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या कहते हैं प्राधिकरण सचिव
हरिद्वार विकास प्राधिकरण सचिव उत्तम सिंह चौहान ने हरी टीवी से खास बातचीत में बताया कि पतंजलि योगपीठ ने बिना नक्शा पास कराए तमाम बिल्डिंग खड़ी की हैं। जिस पर शिकायत मिलने के बाद प्राधिकरण द्वारा उन पर करोड़ों रुपए जुर्माना लगाया गया है।