हरिद्वार। हरिद्वार के बाईपास स्थित श्री आनंद वन समाधि सिद्ध पीठ में शाम्भव परंपरा के वरिष्ठ संत श्री श्री 108 परमहंस परिब्राजकाचार्य श्रोत्रिय ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद सरस्वती महाराज का 33 वा पुण्यतिथि महोत्सव आयोजित हुआ।
जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामीनारायण आश्रम के महामंडलेश्वर हरिवल्लभ देव शास्त्री ने किया तो मंच का संचालन महंत रवि देव शास्त्री द्वारा हुआ। 2 अप्रैल को नव संवत्सर 2079 के दिन आश्रम में घट स्थापना हुई जिसके पश्चात 12 अप्रैल को एकादशी के दिन स्वामी प्रेमानंद सरस्वती महाराज की समाधि पीठ पर रुद्राभिषेक एवं गुरु पादुका पूजन हुआ। जिसके उपरांत आज द्वादशी के दिन प्रातः हरिद्वार के तमाम आश्रम अखाड़ों के संतों महंतों ने आश्रम में पहुंचकर देश के अन्य राज्यों से आए भक्तगणों को प्रवचन दिए एवं स्वामी प्रेमानंद सरस्वती महाराज को याद करते हुए कहा कि वह एक वचनबद्ध संत थे और हमेशा विश्वकल्याण की बात किया करते थे।
इस अवसर पर आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रामानुज सरस्वती ने कहा कि गुरु जी हमेशा से ही दयालु भाव के थे और उन्होंने मुझे हमेशा समाज के हित में कार्य करने का उपदेश दिया और आज उन्हीं के उपदेशों का पालन करते हुए मैं यहां गंगा किनारे जन सेवा में लगा हुआ हूं और अपनी अंतिम सांस तक देश और कल्याण की बात करूंगा। कार्यक्रम में सनातन धर्म को एकजुट रखने के बारे में भी चर्चा हुई एवं सनातन धर्म की वसुदेव कुटुंबकम वाली सोच को दुनिया के सामने कैसे रखा जाए इस बारे में भी संतों महंतों ने अपने विचार रखे। प्रवचन समाप्ति के बाद कार्यक्रम में मौजूद सभी महामंडलेश्वर एवं वरिष्ठ संतो ने भोजन प्रसाद भी ग्रहण किया।
इस अवसर पर फायर ब्रांड हिंदू नेता साध्वी प्राची, महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी, जूना अखाड़े से महंत देवानंद सरस्वती, भारत माता मंदिर से महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी, बड़ा अखाड़ा उदासीन से महंत दामोदर दास, महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद, महामंडलेश्वर अनंतानंद महाराज, महंत रघुवीर दास, महंत मोहन दास, महंत विष्णु दास, महंत बिहारी शरण, धीरेंद्र पुरी महाराज, आप नेता नरेश शर्मा, भाजपा पार्षद दल उपनेता अनिरुद्ध भाटी, सहित हरिद्वार के तमाम गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ देश से आए अन्य भक्तगण मौजूद थे। कार्यक्रम के यजमान भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद श्री रविंद्र किशोर सिन्हा थे।