ब्रेकिंग : उत्तराखंड में होने वाली यह परीक्षा 24 घंटे पहले हुई स्थगित, बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़

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देहरादून। उत्तराखंड में यूँ तो बाढ़ का पानी और पहाड़ के जमाने की कई बड़ी-बड़ी बातें होती हैं और यहां के युवाओं से नेता कई बड़े बड़े वादे भी हर चुनाव में करते हैं लेकिन धरातल पर कुछ और ही स्थिति उत्तराखंड में समय बनी हुई है पहली बात तो यह है कि यहां पर परीक्षा छह छह साल में एक बार होती है और जब परीक्षा भी होती है तो उसके बाद स्थगित भी हो जाती हैं। और जो परीक्षा हो गई जाती है तो उसमें परीक्षार्थियों को नौकरी पाने के लिए तीन-तीन चार-चार साल लग जाते हैं। ताज़ा मामला प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अन्तर्गत टैक्नीशियन संवर्ग के लैब टैक्नीशियन के रिक्त पदो पर रविवार यानी 6 मार्च को आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा के सम्बन्ध में सामने आया है।

उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा परीक्षा से 24 घटें पहले एक नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि उत्तराखण्ड राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अन्तर्गत टैक्नीशियन संवर्ग की दिनांक 06.03.2022 (रविवार) को आयोजित की जा रही लैब टैक्नीशियन ( पदकोड-101) के रिक्त पदों की लिखित परीक्षा मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल में दायर रिट याचिका संख्या WPSS No. 346 of 2022, WPSS No. 352 of 2017 एवं WPSS No. 338 of 2022 में दिनांक 04.03.2022 को पारित अन्तरिम आदेश के अनुपालन में अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती है।

इसमें यह भी कहा गया है कि टैक्नीशियन संवर्ग के शेष पदों (ओ0टी0 टेक्नीशियन पदकोड 102, सी०एस०एस०डी० टेक्नीशियन पदकोड 103, रेडियोथिरैपी टेक्नीशियन- पदकोड 104 ई०सी०जी० टेक्नीशियन पदकोड 105, ऑडियोमैट्री टेक्नीशियन पदकोड 106, डेण्टल टेक्नीशियन पदकोड 107, फिजीयोथेरेपिस्ट पदकोड 108 ऑक्यूपैशनल थैरेपिस्ट पदकोड 109 तथा रिफ्रेक्शनिष्ट पदकोड 110) हेतु दिनांक 13.03.2022 को आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा निर्धारित तिथि तथा समय पर आयोजित की जायेगी। अभ्यर्थी प्रवेश पत्र बोर्ड की आधिकारिक वैबसाइट से डाउनलोड कर लें।

हाल ही के दिन हरिद्वार में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर लोअर सबोर्डिनेट परीक्षा में बैठे विद्यार्थियों ने दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया था कि लोक सेवा आयोग के इस परीक्षा में लगभग 12 प्रश्नों में गड़बड़ी थी। जिस को छुपाने के लिए लोक सेवा आयोग ने सभी परीक्षार्थियों को 12 अंक दे दिए थे जो कि सरासर गलत है।

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साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अगर लोक सेवा आयोग 6 वर्ष में एक परीक्षा ढंग से नहीं करा सकता तो लोक सेवा आयोग में अधिकारियों जो वेतन मिल रहा है वह किस काम के लिए मिल रहा है?

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