हरिद्वार। भूपतवाला में मुख्य गंगा में संत का पार्थिव शरीर विसर्जन करने पर विरोध हो गया। उत्तरी हरिद्वार स्थित गंगा घाट में जब एक संत के पार्थिव शरीर को जल समाधि देने कुछ लोग जा रहे थे तब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध कर दिया। NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के नियमों को ताक पर रखकर गंगा में बहाया जा रहा था शव। विरोध के बाद अनुयायी मान गए और दाह संस्कार कर किया उन्होंने अंतिम संस्कार किया।
आपको बता दें NGT मैं इसके सख्त निर्देश दिए हैं किसी भी पार्थिक शरीर को गंगा में विसर्जित ना किया जाए अगर ऐसा किया जाएगा तो सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिसको देखते हुए लोगों ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है आपको बता दें संतों में भू समाधि और जल समाधि जैसी परंपराएं हैं। लेकिन नियम कायदे कानून सभी के लिए एक जैसे हैं चाहे वह आम जनता हो या संत।