हरिद्वार। सिन्धी भाषा, साहित्य व संस्कृति को बचाने व आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य में बनने वाली नई सरकार से सिन्धी समाज का एक प्रतिनिधि मण्डल मिलकर उत्तराखण्ड सिन्धी साहित्य अकादमी के गठन की मांग करेगा ताकि भाषा, साहित्य व संस्कृति जिन्दा रहे। यह बातें पत्रकार वार्ता में अयोध्या से आये उत्तर प्रदेश सिन्धी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व गुजरात में सिन्धी अकादमी का गठन है, अब उत्तराखण्ड, बिहार व पश्चिम बंगाल में गठन की मांग की जायेगी।
उन्होंने कहा कि लुप्त होती सिन्धी भाषा के संरक्षण व संवर्धन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राजस्थान के शहर अजमेर व उत्तर प्रदेश के शहर अयोध्या के विश्वविद्यालय में सिन्धी विषय से स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई हो रही है, उसी तरह उत्तराखण्ड में भी पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए शीघ्र ही राज्यपाल से समाज का एक प्रतिनिधि मण्डल मिलेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र उत्तर प्रदेश सिन्धी युवा समाज का नाम बदलकर राष्ट्रीय स्तर पर नया नाम रखा जायेगा। जिसकी घोषणा हरिद्वार में की जायेगी और पूरे देश में प्रभू झूलेलाल जयन्ती के बाद सिन्धी भाषा, साहित्य, संस्कृति व सिन्धी, तीज त्यौहार बचाने के लिए सिधिंयत बचाओ जागरूकता अभियान चलाया जायेगा, जिसकी शुरूआत भी हरिद्वार से होगी। उन्होंने कहा कि बड़े दुख का विषय है कि सिंधी तीज – त्यौहार सगड़ा, थदडी, टीजडी आदि का वजूद धीरे – धीरे समाप्त होता जा रहा है, जो कि सिंधी संस्कृति के लिये खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज के नौजवानों को जागरूक किया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हो रहे चुनाव में सिंधी समाज के व्यक्ति को किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है जिससे हमारी उपेक्षा हुई है और पूरा सिंधी समाज इससे आहत हैं। और उन्होंने कहा है कि अगर आने वाले चुनाव में अगर किसी भी सिंधी समाज को टिकट नहीं मिलता है तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे। साथ ही उन्होंने मीडिया को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 25 लाख और उत्तराखंड में लगभग 32 से 35 हजार सिंधी समाज के लोग रहते हैं। इस अवसर पर श्रीकांत भाटिया, लक्ष्मण दास शर्मा, गिरधारी लाल चंदवानी आदि मौजूद थे।