हरिद्वार। हरिद्वार में अवैध खनन और अवैध अतिक्रमण कोई नई बात नहीं है। हाल ही के दिनों से हरिद्वार में अवैध अतिक्रमण के मामले दिन प्रतिदिन सामने आ रहे हैं और वहीं इसी से जुड़ा एक और नया मामला सामने आया है। यह मामला हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास भीमगोड़ा क्षेत्र में घाट के निर्माण को लेकर हैं।
उत्तरी हरिद्वार के भीमगोड़ा क्षेत्र में हर की पौड़ी से कुछ ही दूरी पर एक घाट निर्माण अवैध रूप से होने की सूचना प्राप्त हुई। जिसमें बताया गया कि घाट के निर्माण की अनुमति उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से भी नहीं ली गई है और दिनों दिन काम भी चल रहा है। जब हरि टीवी की टीम ने पहुंचकर वहां देखा तो मजदूर काम पर लगे हुए थे और घाट की सिढ़ी की नींव बनाने का काम चल रहा था तो वहीं दूसरी और नजर पड़ी तो देखा कि काम को बाहरी लोगों की नजरों से बचाने के लिए एक हरे कलर की नेट से भी जाल को ढका गया था।
जिसके बाद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत की तो यह पता चला कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को इसकी कानो कान खबर भी नहीं है और उन्होंने साफ-साफ कहा कि घाट बनाने की ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई है। आसपास के दुकानदारों से पूछा तो उन्होंने कहा कि यह किस घाट किसी आश्रम वाले महाराज के कहने पर बनाया जा रहा है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब सिंचाई विभाग को हुई मामले के बारे में कुछ पता नहीं है तो सिंचाई विभाग के अधिकारी हरिद्वार में कर क्या रहे हैं? और फिर किसके दबाव में यह घाट बनाया जा रहा है? विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि मौके पर पहुंचकर काम को रुकवा दिया गया है और संज्ञान लेने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।