दिल्ली। दिल्ली में 377 दिन से चल रहा है किसान आंदोलन 378 वें दिन सरकार की चिट्ठी किसानों को मिलने के बाद आज समाप्ति की घोषणा कर दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में ऐलान किया गया कि 11 दिसंबर को हम दिल्ली के सारे बॉर्डर खाली कर देंगे।
उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को हम चेन्नई में मारे गए हेलीकॉप्टर क्रैश में भारतीय जवानों के अंतिम संस्कार के चलते शोक सभा का आयोजन करेंगे और हम ऐसी दुखद स्थिति में देश के साथ खड़े हैं। और 11 दिसंबर को हम खुशी और जश्न के माहौल के साथ अपने गांव की वापसी करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा की 15 जनवरी को हमारी दोबारा से बैठक होगी और अगर सरकार ने हमारी मांगों को नहीं पूरा किया गया तो फिर दोबारा से हम आंदोलन की शुरुआत कर सकते हैं।
SKM ने कहा किसान कि जो आंदोलन हुआ वह आजादी के बाद सबसे बड़ा जन आंदोलन है। और यह आजादी के बाद सबसे ज्यादा शांतिपूर्ण आंदोलन है। यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा एकता का आंदोलन है। आज देश में जाति और धर्म के नाम पर बांटने की साजिश हो रही है। लेकिन आज किसान आंदोलन में ना हमने कहा हम जाट हैं, ना हम मुस्लिम हैं, हम आज किसान हैं। आने वालों दिनों में हम इसे जारी करने का काम करेंगे सरकारों के कामों की समीक्षा कर हम इसे आगे रखने का काम करेंगे। किसान मोर्चा ने कहा बड़ी जीत लेकर जा रहे हैं।
किसानों की घर वापसी के ऐलान के बाद बॉर्डर पर टेंट और तंबूओं का उखड़ना भी चालू हो गया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि कानूनों को सिखों के पवित्र 552वें प्रकाश पर्व पर वापस लेने का ऐलान किया था और कहा था कि हमारी तपस्या में ही कहीं कमी रह गई और हम अपनी बात किसानों तक पहुंचाने में असक्षम रहे।