हरिद्वार। उत्तराखंड में हाल ही दिनों में देवस्थानम बोर्ड बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया था। इसको लेकर कहीं ना कहीं सरकार पर भी दबाव बनता जा रहा था। संत समाज से लेकर तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे थे और गोवर्धन मठ पुरी के जगतरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, अच्युतानंद तीर्थ महाराज, ने भी हिंदुओं के मठ मंदिर के अधिग्रहण को गलत ठहराया था।
इसी के मद्देनजर सरकार ने आज देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया और उधर सरकार ने फैसला सुनाया और इधर केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों के साथ ही हरिद्वार में भी तीर्थ पुरोहित समाज में खशी की लहर दौड़ पड़ी।
आज हर की पौड़ी पर गंगा सभा के पदाधिकारियों ने गंगा जी में दुग्धाभिषेक और पूजन करके सरकार के फैसले का स्वागत किया और एक दूसरे को बधाई दी।
इस अवसर पर श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ट ने कहा कि चार धाम के तीर्थ पुरोहितों और संतों का संघर्ष रंग लाया जिसके बाद सरकार को देवस्थानम रोड बंद करने का फैसला लेना पड़ा सरकार द्वारा लिया गया फैसला स्वागत योग्य है उन्होंने कहा के वे मानते हैं कि सरकार के इस फैसले से चार धाम की पूर्व में संचालित की जा रही व्यवस्थाएं एक बार फिर से पटरी पर आएंगी।
इस अवसर पर गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, सिद्धार्थ चक्रपाणि, उज्ज्वल पंडित आदि मौजूद थे।