मां गंगा भागीरथी के भूपतवाला क्षेत्र स्थित श्री गंगा भजन आश्रम में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी वीरवार को गंगा दशहरा वार्षिक समारोह का आयोजन बड़ी धूमधाम से महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
इस मौके पर उन्होंने दूर-दूर से आए श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मां गंगा हमारी आत्मा है। मां गंगा की कल कल करती धारा को पवित्र और शुद्ध रखना हम सब का कर्तव्य है। मां गंगा भागीरथी को शुद्ध रखने के लिए हम सभी मिलकर कार्य करें। मां गंगा हमारे पापों का नाश करती है।
मां गंगा मोक्षदायिनी है। विश्व के सभी देशों से हमारे देश भारत की पवित्र गंगा मैया हमारी नदी है, जो हमारे जीवन के कल्याण के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।
गुप्तानंद वेदांत आश्रम में भी मनाया गया गंगा दशहरा
खड़खड़ी स्थित श्री गुप्तानंद वेदांत आश्रम में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री गंगा दशहरा पर्व पर वार्षिक समारोह आयोजित किया गया।
इस मौके पर आश्रम में आए हुए सभी आश्रम व अखाड़ों के महन्त एवं महामंडलेश्वरों का स्वागत सत्कार वर्तमान युवा महन्त स्वामी ओमानंद महाराज ने किया। उन्होंने अपने गुरु महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी सुरेशानंद महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और गंगा दशहरे पर सभी प्रदेशवासियों और देशवासियों को शुभकामनाएं दी।
साथ ही उन्होंने कहा कि हमें गंगा के महत्व को समझना होगा यह कोई मानव द्वारा रचित नहीं बल्कि प्राकृतिक संपदा है जिसे हमें संभाल कर रखना होगा। आश्रम पहुंचे सभी संतो महंतों ने भी ब्रह्मलीन सुरेशानंद महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।
गंगा भक्ति आश्रम में गंगा दशहरा महोत्सव संपन्न
वीरवार को खड़खड़ी हरिद्वार स्थित श्री गंगा भक्ति आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी कमलस्वरूप महाराज की अध्यक्षता में श्री गंगा दशहरा महोत्सव वार्षिक समारोह बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मां गंगा भागीरथी की कल कल करती पवित्र धारा का प्रत्यक्ष हम सभी को दर्शन हो रहा है और श्री गंगाजी की धारा में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।
इससे अच्छी बात हमारे जीवन में और क्या हो सकती है कि हमें प्रत्यक रूप से भगवान का दर्शन हो रहा है। वार्षिक समारोह में सभी आश्रम एवं अखाड़ों के महंत श्रीमहंत एवं महामंडलेश्वरों ने भाग लिया।
निरोत्तम पुरी आश्रम में भी मनाया गया गंगा दशहरा
देहरादून के ग्राम हरिपुर कला स्थित नरोत्तम पुरी आश्रम में भी गंगा दशहरा उत्सव धूमधाम से मनाया गया जिसमें जूना अखाड़े के तमाम साधु-संतों के साथ-साथ हरिद्वार के वरिष्ठ संतो ने पहुंचकर हिस्सा लिया। इस अवसर पर महंत निरोत्तम पुरी ने कहा कि गंगा दशहरा मां गंगा के अवतरण का पवित्र दिवस है। इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। उन्होंने कहा कि इस दिन मां गंगा शिव जी जटा से अवतरित होकर धरती पर आई थी और राजा सगर के पुत्रों को मोक्ष प्रदान किया था। राजा भगीरथ सैकड़ों वर्ष तपस्या करके मां गंगा को धरती पर लाए थे।
उन्होंने कहा कि समस्त वेदों की उत्पत्ति मां गायत्री से हुई है। इसलिए मां गायत्री को वेदों की जननी अर्थात वेद माता कहा जाता है। त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा विष्णु और महेश इनकी आराध्या को गायत्री कहा जाता है, इसलिए गायत्री का एक नाम देवमाता भी है। उन्होंने देश खुशहाल और पूर्व की भांति सुखी और समृद्ध बने संपूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना कर कामना की।
चित्रकूट धाम में गंगा दशहरा पर्व महोत्सव संपन्न
हरिपुर कलां स्थित चित्रकूट धाम में मां गंगा भागीरथी के “अवतरण” दिवस पर गंगा दशहरा पर्व महोत्सव का आयोजन संत महापुरुषों एवं श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति में बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। गंगा दशहरा पर्व का आयोजन आश्रम के परमाध्यक्ष महंत परमेश्वर दास महाराज के सानिध्य में आयोजित किया गया।
गंगा दशहरा के वार्षिक समारोह में सभी संत महापुरुषों ने भाग लिया। इस अवसर पर भक्त जनों को संबोधित करते हुए स्वामी परमेश्वर दास महाराज ने कहा कि गंगा विश्व की सबसे बड़ी जीवनदायिनी नदी है, जो ना केवल हमें प्राण देने का काम करती है, बल्कि हजारों लाखों खेतों को सींचने के साथ-साथ हमें निरंतर चलने का संदेश भी देती है। इस अवसर पर महंत जगदीश दास , महंत जयराम दास, महंत गणेश दास, पंडित धर्मवीर कौशिक, सुरेश कुमार, कमलेश देवी, कल्लू सिंह प्रधान, सुरेंद्र शर्मा, आदि उपस्थित थे।
निंबार्क धाम में वार्षिकोत्सव समारोह संपन्न
हरिद्वार के रानी गली स्थित निंबार्क धाम में श्री गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर वार्षिकोत्सव का आयोजन हुआ। आश्रम के पीठाधीश्वर महंत मुरारी शरण महाराज के नेतृत्व में वार्षिकोत्सव समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर आश्रम में यज्ञ भी आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्र और प्रदेश की खुशहाली की कामना की गई। भक्तों को संबोधित करते हुए महंत मुरारी शरण महाराज ने आव्हान किया कि वे अपने सनातन धर्म के पालन के लिए हर समय प्रभु का स्मरण करें। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की गंगा एक पवित्र नदी है, अथवा इसमें प्लास्टिक या कूड़ा कपड़ा ना फेंके और इसकी स्वच्छता को बनाए रखें। गंगा दशहरे के उपलक्ष में आश्रम में भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों साधु संतों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया।