उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही पार्टियों में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। वहीं देहरादून में एक होटल में कांग्रेस के टिकट बंटवारे में खरीद फरोख्त के आरोप लगाए जा रहे हैं और इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। वहीं दूसरी तरफ पार्टी से टिकट न मिलने पर प्रत्याशियों व उनके समर्थकों द्वारा विरोध किया जा रहा है। वहीं कुछ लोगों द्वारा विपक्षी प्रत्याशी को मजबूत करने के लिए कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस क्रम में कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते देहरादून में कांग्रेस के तीन नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस ने पत्र जारी करते हुए लिखा है कि देहरादून महानगर कांग्रेस कमेटी द्वारा नेमीचन्द सूर्यवंशी, अजय रावत एवं करण कनौजिया की पार्टी विरोधी गतिविधियों का स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छः वर्ष के लिए निष्कासित किया जाता है।
वही श्रीनगर में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी होती नजर आ रही हैं, पार्टी से टिकट न मिलने पर आरती भंडारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। गौरतलब है कि भाजपा ने श्रीनगर नगर निगम सीट पर आशा भंडारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। आपको बता दे की लखपत भंडारी पौड़ी के श्रीनगर से भाजपा के जिला अध्यक्ष है और उनकी धर्मपत्नी द्वारा निर्दलीय नामांकन भरे जाने से पार्टी ही असहज नहीं हुई, बल्कि जनता भी हैरान है और इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। वहीं पार्टी के पदाधिकारियों में भी रोष है, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पौड़ी कमल किशोर रावत ने बताया कि भाजपा एक अनुशासन की पार्टी है, जो भी व्यक्ति अनुशासनहीनता करेगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी