ब्रेकिंग : प्रधानमंत्री मोदी ने किया आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण, केदारनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना

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देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ दौरे पर उत्तराखंड आए। आज सुबह वह देहरादून के जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे जहां पर उनका स्वागत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम धामी ने किया। साथ में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मंत्री हरक सिंह रावत एवं कई गणमान्य लोग मौजूद थे। इसके बाद पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे।

जहां पर उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का लोकार्पण और आप अनावरण किया। एवं आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति के सामने उन्होंने उन्होंने ध्यान केंद्रित किया। 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद हुए विकास कार्य का उन्होंने टीवी स्क्रीन के सामने बैठकर जायजा भी लिया।

गौरतलब है कि पिछले 4 साल में यह प्रधानमंत्री मोदी का पांचवा केदारनाथ दौरा है। प्रधानमंत्री मोदी को भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त भी कहा जाता है। और जनता के सामने वे कई बार इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं और बता भी चुके हैं कि भगवान भोलेनाथ से उन्हें कठिन फैसले लेने की शक्ति मिलती है। इसके बाद उन्होंने केदारनाथ के गर्भ गृह में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 12 ज्योतिर्लिंग में से एक केदार की पूजा-अर्चना एवं आरती की और गौरतलब है कि 6 नवंबर को केदारनाथ के कपाट बंद हो रहे हैं।

केदारनाथ में जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी बोले कि आदि गुरु शंकराचार्य ही भगवान शिव का एक स्वरूप है और इनके ध्यान से हमें शक्ति, सद्बुद्धि एवं सही राह पर चलने का मार्ग मिलता है। आगे पीएम मोदी ने बोला कि मुझे पूरा दृढ़ विश्वास था कि मैं अपने भुज में आए भूकंप के अनुभव के आधार पर केदारनाथ का कायाकल्प कर सकता हूं और इसमें जनता का पूर्ण समर्थन मिलेगा। केदारनाथ में हुए विकास कार्यों पर उन्होंने मंदिर के रावल, पुजारी एवं पुलिस प्रशासन सहित आईटीबीपी के जवानों को भी धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एवं संत समाज से जुड़े तमाम मामले समेत कई गणमान्य लोग वहां उपस्थित थे। पीएम मोदी ने केदारनाथ में शुरू होने जा रही कई विकास योजनाओं का भी शिलान्यास किया। जिसमें सबसे अहम वहां पर निर्माण होने वाले अस्पताल का शिलान्यास था। जिससे वहां के आसपास रहने वाले पर्वतीय लोग एवं लाखों श्रद्धालुओं को इमरजेंसी के हालत में सुविधा मिल सकेगी।

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