रूद्रप्रयाग 19 जुलाई 2024। भारत में इन दोनों पुल गिरने की घटनाएं आम हो चली है। पिछले कुछ दिनों में बिहार में लगातार करोड़ों की लागत से बने और निर्माणाधीन पुल गिर रहे हैं। जो देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं। लेकिन इसी कड़ी में उत्तराखंड भी अब पीछे नहीं रह गया है। वीरवार को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के नारकोटा में 66 करोड़ की लागत से बन रहा सिग्नेचर पुल गिर गया, गनीमत रही कि हादसे के दौरान वहां कोई मजदूर कार्य नहीं कर रहा था। वरना इस हादसे में कई लोगों की जान जा सकती थी। गौरतलब है कि पूर्व में भी जब इस पुल के शुरुआती निर्माण कार्य के दौरान बुनियाद पर सरिया का एक बड़ा जाल गिर गया था, जिसमें तीन मजदूरों की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि कई मजदूर घायल हो गए थे। बावजूद इस घटना के एनएच और कार्यदाई संस्था ने कोई सबक नहीं लिया और वीरवार को फिर एक बार पुल धराशाई हो गया। आपको बता दे की रुद्रप्रयाग और और धारी देवी के बीच नारकोटा में ऑल वेदर परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड का पहले सिग्नेचर पुल बन रहा है स्कूल की लंबाई 110 मी बताई जा रही है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आरवीएनएल टनल बनाने का काम कर रहा है। तथा रेलवे ने हाईवे का हिस्सा टनल बनाने के लिए अधिग्रहण किया है। सिग्नेचर पुल बनाने के लिए रेलवे पैसा दे रहा है। रेलवे ने यह कार्य एनएच को दिया था और एनएच ने आरसीसी कंपनी को पुल बनाने का ठेका दिया था। लेकिन इसी दौरान पुल के एक छोर का टावर गिरने से पुल का स्टील स्ट्रक्चर जमींदोज हो गया। मैं इस हादसे के बाद आप मेहनत के अधिकारी मामले में जांच की बात कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इस पुल के निमार्ण कार्य में खुले तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे भ्रष्टाचार का स्मारक बताया हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि जनता के करोड़ों रुपए जिस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ रहे हैं, इस पर उच्च स्तरीय जांच कमेटी बैठाकर अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही की जानी चाहिए। वही पुल गिरने के बाद कांग्रेस के नेता भी धामी सरकार पर हमलावर है। निर्माणाधीन पुल गिरने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वह सरकार पर ज़ुबानी हमला बोल रहे हैं।
करोड़ों की लागत से बन रहा उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर पुल गिरा, भ्रष्टाचार के लग रहे आरोप
