पौराणिक सतीकुंड पर 11000 दीपकों से बनाई श्री राम की आकृति बनी आकर्षण का केंद्र

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हरिद्वार 23 जनवरी 2024। सोमवार को देश के करोड़ों रामभक्तों का 500 वर्ष का स्वप्न पूरा हुआ जब अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा गर्भगृह में हुई। वर्षों तक तिरपाल में रहने के बाद रामलला की गर्भगृह में प्रतिष्ठापना एक लम्बी तपस्या से कम नहीं है। पूरे देश में एक अलग ही उत्साह का माहौल है तो लोग इसे दीपावली की तरह भी मना रहे हैं। इसी कड़ी में आध्यात्मिक एवं पौराणिक तीर्थ स्थल सती कुण्ड पर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला। स्थित कुण्ड में 11000 दीपक से ‘भगवान राम की आकृति’ तथा ‘जय श्री राम’ बनाया गया जिसने रात्रि में कुण्ड को सुशोभित किया। सती कुण्ड पर जब दीप प्रज्वलित हुए तो ऐसा लगा मानो भगवान शिव अपने आराध्य का स्वागत कर रहे हों।

इस अवसर पर सती कुण्ड की व्यवस्थापिका सेविका रजनी शर्मा ने कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। रामलला को गर्भगृह में स्थापित करने के साथ ही 500 वर्ष की तपस्या आज पूर्ण हुई। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के स्वप्न को लेकर न जाने कितने रामभक्त इस धरा से प्रस्थान कर गए। कितने ही लोगों ने राम मंदिर की स्थापना के लिए लाठी-डण्डे व गोली खाई। हम सौभाग्यशाली हैं कि इस ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक क्षण को अपने सामने घटित होते देख रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि भारत में पुनः रामराज्य की स्थापना हो रही है।

रामभक्त गणेश बिन्दल द्वारा इस आयोजन का सहयोग किया गया व सम्पूर्ण व्यवस्था में सेविका रजनी शर्मा व अन्य श्रद्धालुओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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