प्रदेश के चारों धामों के आस-पास धर्म विशेष की आबादी सुनियोजित तरीके से बढ़ रही है।

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हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा निकाली जाने वाली प्राचीन पवित्र छड़ी को नगर भ्रमण कराया गया। जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, जूना अखाड़ा के अन्तर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज सहित कई संत, श्रीमहंत मौजूद रहे,जो पवित्र छड़ी के साथ पैदल चल रहे है। इसी क्रम में आज पवित्र छड़ी चंडी घाट स्थित दक्षिण काली मंदिर में पहुंची जहां पर निरंजनी अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव महंत रवींद्र पुरी एवं आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने पूरे विधि विधान के साथ छड़ी का पूजन किया इस मौके पर महंत रवींद्र पुरी एवं स्वामी कैलाशानंद गिरी ने एक सुर में कहा कि जो उद्देश्य श्री महंत हरि गिरि जी का है मैं भी उसका समर्थन करता हूं और इसके बारे में जल्द ही उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से भी चर्चा की जाएगी। छड़ी यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना है। अंत में बोलते हुए जूना अखाड़े के राष्ट्रीय संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के सभापति श्री महंत हरी गिरी ने कहा कि उपेक्षित तीर्थो का विकास एवं उनके संरक्षण कर विकसित करना है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड जो कि देवभूमि है, यहां पर पांच हजार से अधिक तीर्थ स्थल जीर्ण-शीर्ण एवं उपेक्षित है। इस पवित्र छड़ी यात्रा के द्वारा उन तीर्थस्थलों को विकसित कर वहां सनातन धर्मालम्बियों को आकृष्ट करना है। उन्होने दोहराया कि प्रदेश के चारों धामों के आस-पास धर्म विशेष की आबादी सुनियोजित तरीके से बढ़ रही है। इस पर सरकार और तंत्र को ध्यान देना होगा। उन्होने कहा कि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार हमेशा से दशनाम सन्यासियों का ध्येय रहा है। राज्य में उपेक्षित तीर्थस्थलों के विकास एवं कायाकल्प को लेकर सरकार से कार्ययोजना बनाकर कारवाई की अपील की। पवित्र छड़ी के साथ जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी,श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि,श्रीमहंत केदारपुरी,श्रीमहंत शिवदत्त गिरि,श्रीमहंत तुफान गिरि,थानापति राजगिरि,श्रीमहंत पुष्कर गिरि,श्रीमहंत दीनदयाल गिरि साधुओं का जत्था साथ चल रहा है।

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