हरिद्वार 26 सितम्बर 2023। हरिद्वार के खड़खड़ी मार्ग स्थित श्री भगवान धाम कबीर आश्रम धर्मशाला ट्रस्ट में आठवां वार्षिक संत सम्मेलन आयोजित हुआ। विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों ने पहुंचकर श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए। महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हरिद्वार उत्तराखंड देवभूमि का पहला ऐसा पवित्र स्थान है जहां से चार धाम यात्रा गंगा स्नान करने के पश्चात शुरू होती है। उन्होंने कहा कि स्वामी जितवानंद महाराज अपने कार्यों से समाज एवं राष्ट्र को एक नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वामी जितवानंद तपस्वी और विद्वान संत हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी ने कहा कि संत कबीरदास ने अपनी वाणी और अपने कथनों से जनता के लिए कई अनमोल रास्ते बनाए हैं। कबीर दास के दोहे एक ऐसी वस्तु के रूप में विख्यात हैं जिन्हें पढकर कोई भी इंसान अपने जीवन को सही रास्ते पर ला सकता है। साथ ही उन्होंने कहा स्वामी प्रकाशानंद महाराज युवा एवं ऊर्जावान संत है।
जिनके नेतृत्व में भगवान धाम कबीर आश्रम समाज सेवा के प्रकल्पों में भली भांति अपना योगदान प्रदान कर रहा है। हम सभी इनके उज्जवल भविष्य और दीर्घायु की कामना करते हैं। अंत में स्वामी जितवानंद महाराज ने कहा हमारे गुरुजनों द्वारा दिए गए वचनों पर खरा उतरना हमारा कर्तव्य है। हमें पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य को ना भूलकर समाज हित के लिए अपना जीवन न्योछावर कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना ही संतों का मूल उद्देश्य है। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का स्वागत करते हुए कबीर आश्रम के अध्यक्ष स्वामी प्रकाशानंद महाराज ने कहा कि युगो युगांतर से बहती आ रही निर्मल और पवन गंगा को स्वच्छ बनाए रखना हम सब का प्रथम उद्देश्य और कर्तव्य होना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि यह निर्मल गंगा सिर्फ वह नहीं रही है अपितु करोड़ों लोगों को जीवन प्रदान कर रही है और यह साक्षात देवी का स्वरूप है इसकी मां मर्यादाओं का ख्याल रखना हम सब का कर्तव्य हैं साथ ही उन्होंने कहा कि संत समाज की सेवा करते हुए समाज कल्याण में योगदान सुनिश्चित करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है। इस दौरान कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का स्वामी श्रद्धानंद, स्वामी परमानंद एवं स्वामी श्यामानंद महाराज ने फूलमाला पहनकर स्वागत किया। इस दौरान महंत सूरज दास, महंत प्रहलाद दास, महंत विष्णु दास, महंत शिवानंद, स्वामी नित्यानंद, महंत गुरमीत सिंह, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, महंत दिनेश दास, महंत बिहारी शरण, महंत नारायण दास पटवारी सहित कई संत महापुरुष एवं अनेक गणमान्य लोग उपस्थित कार्यक्रम में उपस्थित थे।