हरिद्वार 22 अप्रैल 2023। यहां भूपतवाला स्थित वैदिक मोहन आश्रम एवं बीएम डीएवी पब्लिक स्कूल के भव्य और विशाल प्रांगण में संस्था की ओर से संगतिकरणम(समारोह) को मुख्य वक्ता डाक्टर विनय आर्य
प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा
[4/21, 9:15 PM] Hari Gautam: कुलदीप आर्य (भजन उपदेशक)
[4/21, 9:15 PM] Hari Gautam: डाक्टर वागीश
अंतराष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता
डॉक्टर वागीश अंतर्राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता ने संबोधित करते हुए कहा वर्तमान में भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए हमें जन जागरण करने के लिए तैयार रहकर आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे वेदों में जो प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियों को ज्ञान के भंडार के रूप में उद्धृत किया गया है। इसलिए आज वर्तमान डिजिटल युग में हमें सावधान रहने की जरूरत है और वेदों के अनुसार ही अपने कार्य प्रणाली को आगे बढ़ाना चाहिए। डॉक्टर वागीश ने कहां कि हमें जो हमारे सदस्यों ने तपस्वी होने अपने अनुभव के आधार पर हमारे लिए ग्रंथों में लक्षित किया गया है। उसके अनुसार ही हम सभी को चलकर समाज की आपसी भाईचारे की भावना को मजबूत करने में मदद मिलेगी। पद्मम श्री आर्य रत्न डॉक्टर पूनम सूरी प्रधान डीएवी कॉलेज प्रबंध कृत समिति प्रधान आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली प्रधान वैदिक मोहन आश्रम ट्रस्ट हरिद्वार एवं कुलाधिपति देवी विश्वविद्यालय जालंधर पंजाब ने अपने संबोधन में कहा हमारा देश विश्व के अन्य देशों से भारतीय सांस्कृतिक प्राचीन परंपरा की धरोहर को बचाए रखने के लिए युगों युगों से जाना और पहचाना जाता है।
उन्होंने कहा कि इसका प्रमुख कारण ही है के अनेक ऋषि-मुनियों ने अपने प्यार तपोबल पेपर पर जो ज्ञान एवं अनुभव अजीत किया उसे वेदों के रूप में संस्कृत करो उपा स्वरूप हम समाज के कल्याण के लिए प्रदान किया यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है, हम उसी ज्ञान और परंपरा के बलबूते पर आज विश्व में अपनी पहचान कायम की हुए हैं। सुबह में आ गए कहां हमारी शिक्षण संस्थाओं में पूरे देश के अंतर्गत जिस तरह से छात्र-छात्राओं को संस्कार और अनुशासन आज की शिक्षा दी जाती है वह अनुकरणीय है प्रशंसनीय है। ओजस्वी विचार व्यक्त करते हुए प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा विनय आर्य ने इस बात पर जोर दिया के 100 करोड़ से ऊपर जिस देश के जनसंख्या हो वहां देश की नीतियां निर्धारण करने के लिए तीन चार व्यक्ति निर्णय लेने में सक्षम नहीं हो सकते। भले ही चाहे वह न्यायिक व्यवस्था ही क्यों न हो।
उच्चतम न्यायालय व्यवस्था के द्वारा दिए जाने वाले निर्णयों पर चिंतन एवं मनन के लिए एक अलग से राष्ट्रीय स्तर पर समिति गठित की जाए। इसमें सभी क्षेत्रों के प्रबुद्ध जन शामिल यह जाएं और वह अपने चिंतन एवं। अपने मंथन से देश के सामाजिक हित में योगदान दे सकें। समारोह में विद्वान वक्ताओं ने समलैंगिक व्यवस्था को भारतीय समाज में थोपे जाने पर भारी चिंता प्रकट की गई और कहा कि इससे भारत मजबूत नहीं होगा इससे सामाजिक व्यवस्था बहुत कमजोर हो जाएगी जिसमें देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भारी संकट खड़ा हो सकता है। इसलिए हमारा विचार है कि अलग-अलग क्षेत्रों और सामाजिक संस्थाओं से योग्य और अनुभवी विद्वानों को शामिल करके राष्ट्रीय स्तर पर समिति का गठन शीघ्र किया जाए।
संगति करणम समारोह का आयोजन वैदिक मोहन आश्रम प्रबंधक डॉक्टर अल्पना शर्मा के संयोजन और देखरेख में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इससे पूर्व, प्रसिद्ध भजन उपदेशक कुलदीप आर्य ने भजनों की प्रस्तुति देकर हजारों उपस्थित श्रोताओं को झकझोरते हुए तालियां बजाने पर बाध्य कर दिया। संगति करणम में बी एम डीएवी पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। इस अवसर पर सभी का आभार वैदिक मोहन आश्रम प्रबंधक डॉ अल्पना शर्मा ने किया्।