देहरादून 18 अप्रैल 2023। चाहे धार्मिक राजधानी हरिद्वार की बात करें या उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की दोनों शहरों के हाल समावेश एक से ही हैं। लगातार बढ़ते ट्रैफिक के दबाव से लगने वाले जाम और दोनों ही शहरों में पार्किंग ना होने की व्यवस्था ने आम जनता का जीवन दूभर कर दिया है। जहां एक और हो हरिद्वार में पार्किंग की व्यवस्था ना होने से सड़कों पर लोग गाड़ी खड़ी करके चले जाते हैं और अब हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण लगभग 5 पार्किंग का निर्माण कर रहा है तो वही देहरादून में भी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण आम लोगों को राहत देने के लिए एक योजना पर काम कर रहा है और जल्द ही लोगों को राहत मिलेगी। इसी हेतु आज एमडीडीए में वीसी बंशीधर तिवारी ने शहर के तमाम स्कूलों के संचालकों के साथ एक अहम बैठक की। एमडीडीए वीसी तिवारी ने बताया कि आज शहर के तमाम स्कूलों के संचालकों को बैठक में बुलाया गया था। उस दौरान उन्हें प्रमुख तौर पर तीन बिंदुओं के बारे में बताया गया।
इसमें सबसे पहली बात ये बताई गई कि शहर में ट्रैफिक को कम करने के लिए स्कूल संचालकों को भी अपने यहां थोड़े संसाधन बढ़ाने होंगे। दरअसल, अभी देखने मे आता है कि तमाम अभिभावक अपने निजी वाहनों से बच्चों को छोड़ने और लेने जाते हैं। इस कारण सुबह और दोपहर दोनों समय प्रमुख मार्गों पर स्थित स्कूलों की वजह से जाम की स्थिति बनती है। इसके निदान हेतु सुझाव दिया गया कि स्कूल अपने यहां ज्यादा से ज्यादा अपनी बस, वैन आदि को बढ़ावा दे ताकि अभिभावक निजी वाहनों की आदत छोड़ बच्चों के लिए स्कूली वाहनों को प्राथमिकता दें। इससे काफी हद तक शहर में यातायात की समस्या दूर होगी। इस सुझाव पर अधिकांश स्कूल संचालक राज़ी नजर आए।
इसी तरह से स्कूल संचालकों से कहा गया है कि जब स्कूलों की छुट्टी हो जाये तो उसके बाद वे अपने स्कूल के मैदान या जो भी पार्किंग एरिया आदि उपलब्ध हैं उन्हें वे पेड पार्किंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। एमडीडीए इसकी छूट देने के लिए तैयार है। इससे जहां स्कूल को एक ओर अतिरिक्त आय होगी तो वहीं, शहर में पार्किंग की दिक्कत भी दूर हो सकेगी। साथ ही ये फार्मूला उन पर भी लागू होगा जिनके निजी प्लाट हैं। वो भी अपने प्लाट को पेड पार्किंग में परिवर्तित कर सकते हैं। वहीं, स्कूलों को floor area ratio यानि far में भी नियमानुसार छूट दी जा सकती है। एमडीडीए वीसी तिवारी ने कहा कि शहर में पार्किंग समस्या के स्थायी निदान हेतु प्राधिकरण प्रतिबद्ध है और इसी कड़ी में आज इस बैठक को किया गया।