हरिद्वार 10 अप्रैल 2023। रविवार को उत्तराखंड में लोक सेवा आयोग द्वारा वन आरक्षी परीक्षा आयोजित करवाई गई एवं देर शाम उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने वन आरक्षी परीक्षा उसके संबंध में बड़ा अपडेट भी जारी किया। आपको बता दें कि शनिवार शाम को हरिद्वार से उत्तराखंड एसटीएफ ने वन आरक्षी परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करवाने वाले कोचिंग सेंटर के संचालक एवं एक कॉलेज के सहायक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया था जिन्होंने 15 बच्चों से चार लाख प्रति व्यक्ति के हिसाब से ठेका लिया था। वहीं इनकी गिरफ्तारी पर शनिवार देर शाम से ही सवालिया निशान खड़े होने लग गए और सोशल मीडिया पर यह चर्चा होने लगी, कि क्या यह पेपर भी तो नहीं लीक हो गया? हालांकि परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हुई। लेकिन लोक सेवा आयोग के मुताबिक लगभग 63000 अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा को नहीं दिया है।
लोक सेवा आयोग में अपडेट जारी करते हुए बताया कि 13 जिलों के 625 परीक्षा केंद्रों में शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई जिसमें 206390 अभ्यर्थियों में से 142973 अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा में भाग लिया और 63417 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। आपको बता देगी यह परीक्षा रविवार को सुबह 11:00 से 13:00 बजे तक के कल सत्र में आयोजित हुई और परीक्षा में उपस्थित अभ्यर्थियों का कुल प्रतिशत 69.27 रहा है।
क्या सरकारी नौकरी से बेरोजगार छात्रों का हो गया मोह भंग?
उत्तराखंड की साख एवं छवि को कलंकित करने वाली पेपर लीक के घटनाओं से जहां प्रदेश के हजारों छात्र आहत है। तो वहीं मुख्यमंत्री धामी के नकल माफियाओं पर कार्रवाई के बाद कुछ संतुष्ट भी हैं। लेकिन अब इतनी बड़ी संख्या में पेपर छोड़ने वाले अभ्यर्थियों से तो कहीं ना कहीं यही सवाल खड़ा होता है, कि क्या सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले प्रदेश के हजारों बेरोजगारों ने पेपर लीक की खबरों के बाद यह मोह त्याग दिया है या फिर इसके कुछ और कारण हैं। यह जांच का विषय है कि आखिर पटवारी/लेखपाल परीक्षा और अब वन्य आरक्षी परीक्षा में इतनी बड़ी तादाद में छात्र अनुपस्थित कैसे रहे? क्योंकि एक समय था जब बड़ी तादाद में छात्र परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने के लिए पहुंचते थे।