इस आईएएस अफसर का भाई गंगा की तेज़ धाराओं में लापता, तो ट्रैवल एजेंट की भी गंगा में डूबने से हुई मौत

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उत्तराखंड में जहां एक और लाखों पर्यटको ने पहुंचना शुरू कर दिया है। तो वही पर्यटकों के गंगा में डूबने और सड़क हादसे की खबरें भी धीरे-धीरे अब सामने आने लगी हैं। जहां शुक्रवार को हरिद्वार में हरियाणा से आए एक युवक की हर की पौड़ी के नजदीक कांगड़ा घाट पर डूबने से मौत हो गई। तो वहीं दो युवकों को जल पुलिस ने हरिद्वार के परमार्थ घाट पर डूबने से बचाया। वही दुखद खबर ऋषिकेश के ब्रह्मपुरी से सामने आई जहां गंगा में राफ्टिंग के दौरान मौज मस्ती के लिए गंगा में उतरे राजस्थान के 1 आईएएस अधिकारी के भाई की डूबने से मौत हो गई और शव का अब तक कुछ पता नहीं चला है। तो दूसरी ओर तपोवन क्षेत्र के पांडव पत्थर के पास गंगा में नहा रहे दिल्ली का ट्रेवल एजेंट और उनका साथी गंगा में डूबने लगा। साथी को तो जल पुलिस ने बचा लिया। लेकिन ट्रैवल एजेंट गंगा की लहरों में ओझल हो गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम दोनों की तलाश में जुटी हुई है।

शुक्रवार को पुलिस को ब्रह्मपुरी के ओशो गंगाधाम आश्रम और पांडव पत्थर के पास तीन लोगों के गंगा में बहने की सूचना मिली। सूचना पर पुलिस टीम, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ तीनों टीम मौके पर पहुंची। पांडव पत्थर के पास गंगा में बहे एक युवकको जल पुलिस ने पहले ही सकुशल निकाल लिया।

मुनि की रेती थाना प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि राजस्थान के जयपुर निवासी हरीश कुमार मीणा (34) पुत्र रतन लाल मीणा 14 सदस्यीय दल के साथ घूमने के लिए ऋषिकेश आए थे। वह राफ्टिंग के लिए शिवपुरी निकल गए। ब्रह्मपुरी में राफ्ट में सवार सभी पर्यटक मौज मस्ती के लिए गंगा में उतरे हरीश कुमार जब तीसरी बार नदी में उतरे तो बाहर नहीं निकले। उनका लाइफ जैकेट और हेलमेट नदी में ऊपर आ गया। बताया कि जैकेट की क्लिप नहीं खुली थी। ऐसे में संभावना है की वह जैकेट के बीच से बाहर निकल गए। हरीश कुमार मीणा जयपुर में केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं। उनके भाई राजस्थान में आईएएस अफसर हैं। थाना प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि दूसरी घटना में दिल्ली के जसोला के सरिता विहार के प्लांट नंबर 37 निवासी अमरजीत (27) पुत्र जसवीर सिंह टर्न वल्ड शिपिंग ग्रुप की बैठक में शामिल होने पांच अप्रैल को तपोवन आए थे। वह अलोहा ऑन गंगेज होटल में ठहरे थे। सुबह वह अपने उत्तरप्रदेश के हाथरस के जसराना निवासी मित्र मनोज कुमार (38) पुत्र सोनपाल के साथ नीम बीच से सटे पांडव पत्थर के पास चले गए।

दोनों नहाते हुए गहरे पानी में आए गए और बहने लगे। मनोज तैरते हुए नदी के किनारे तक पहुंच गया। यहां जल पुलिस ने उसको गंगा से सकुशल बाहर निकल लिया। वहीं अमरजीत का कहीं अता पता नहीं चल पाया। थाना प्रभारी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम दोनों की तलाश में जुटी है।

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