मदरसों की नहीं आई रिपोर्ट, जांच के लिए 3 सदस्य विभागीय कमेटी का हुआ गठन

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देवभूमि कहीं जाने वाले उत्तराखंड में सैकड़ों मदरसों का संचालन हो रहा है जिसमें अधिकांश मदरसों की भूमिका पर विगत कुछ वर्षों में प्रशन चिन्ह खड़े होते आए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने मदरसों की जांच के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे और रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था। जिसमें अभी तक अधिकांश जिलों से रिपोर्ट ना आने पर अब तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है जो मदरसों की जांच करेगी।

उत्तराखंड में इस वक्त 419 मदरसा मदरसा बोर्ड चला रहा है इसमें 103 मदरसे वक्फ बोर्ड के हैं और करीब 500 मदरसे प्राइवेट संस्थान द्वारा चलाए जा रहे हैं। सरकार अब मदरसों को हाईटेक करने और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए काम कर रही है तो वही अल्पसंख्यक मंत्री चंदन राम दास के द्वारा विधानसभा में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिसमें उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि आज एक कमेटी का गठन किया गया है जो 1 महीने के अंदर की जांच रिपोर्ट सौंपेगी। आगे उन्होंने कहा कि जितने बोगस मदरसे हैं उसे बंद कर दिया जाएगा, और कक्षा एक से कक्षा 8 तक चलने वाले मान्यता प्राप्त मदरसे को हाईटेक बनाया जाएगा, हाईटेक मदरसों में कंप्यूटर की व्यवस्था, उच्च तकनीकी शिक्षा और ड्रेस की व्यवस्था की जाएगी।

इन मदरसों को एक मॉडल के रूप में भी दिखाया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि इससे एक महीने पहले भी सभी जिलाधिकारियों को मदरसे की जांच के निर्देश दिए गए थे लेकिन अभी तक जिलाधिकारियों के पास से जांच रिपोर्ट नहीं आई है। इसलिए आज मैंने एक 03 सदस्य विभागीय कमेटी का गठन किया।

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