उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों में नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के भर्ती होने पर खुलासा होने के बाद उत्तराखंड में हड़कंप मच गया था। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने 2016 और 2021 में हुई तदर्थ भर्तियों को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद विधानसभा से निलंबित कर्मचारी हाईकोर्ट गए थे जहां हाईकोर्ट ने भी ऋतु खंडूरी के फैसले को सही ठहराया था। लेकिन अब एक बार फिर उत्तराखंड विधानसभा में 2016 से पहले हुई भर्तियों को लेकर चर्चा होने लग गई है और विधानसभा भर्तियों पर सरकार ने महाधिवक्ता से परामर्श किया है। नैनीताल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता सूर्यनारायण बाबुलकर से यह परामर्श मांगा गया है। अब जब भी परामर्श के बाद रिपोर्ट आएगी तभी 2016 से पहले कर्मचारियों का भविष्य तय होगा।
गौरतलब है कि 23 सितंबर 2022 को विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने विधानसभा में 2016 और 2021 से कार्यरत 228 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। तो भाई अब 2016 से पहले विधानसभा में बैक डोर से लेकर कर्मचारियों के भविष्य पर ताला लटक गया है। दूसरी ओर विधानसभा से हटाए गए कर्मचारी पिछले 34 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।