पूरे देश में शायद ही कोई ऐसा प्रदेश होगा जहां भर्तियों से लेकर प्रमोशन में बड़ी झोल मेल देखने को मिले, लेकिन उत्तराखंड हमेशा से ही ऐसे मामलों में आगे रहा है। चाहे बात उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले की की जाए या अन्य भर्तियों की। हाल ही में उजागर हुए बड़े घोटालों ने प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के भविष्य पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया। तो वहीं अब उत्तराखंड के सबसे बड़े विभागों में से एक लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष की नियुक्ति संदेह के घेरे में आ गई है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के जनसंपर्क अधिकारी ने पूर्व निजी सचिव एवं विभागाध्यक्ष खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
यह है मामला
आपको बता दें कि विगत मई महीने लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष एजाज़ अहमद की नियुक्ति हुई थी, जिस पर विवाद खड़ा हो गया था। लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने एक चौकाने वाले बयान में यह कहा था कि एजाज अहमद की नियुक्ति पर उन्होंने अनुमोदन नहीं किया है और ना ही इसकी उनको जानकारी है। यही नहीं मंत्री ने एजाज अहमद को लोक निर्माण विभाग का चीफ बनाए जाने के लिए उनके डिजिटल सिग्नेचर फर्जी होने की भी बात कही थी। अब इसी मामले में जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।
मिडिया रिपोर्टस के मुताबिक मंत्री के लोक संपर्क अधिकारी कृष्ण मोहन द्वारा डालनवाला कोतवाली में तहरीर दी गई है। तहरीर में पीआरओ ने बताया है कि मई महीने में अयाज अहमद को विभागाध्यक्ष बनाने की फाइल मंत्रालय में आई। मंत्री सतपाल महाराज की ओर से आवेदन स्वीकृति होने की स्थिति में फाइल को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजी जानी थी। लेकिन इस पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर किए गए है।
पीआरओ की ओर से दी गई तहरीर में लिखा है कि फाइल आने के दौरान मंत्री विदेश दौरे पर चले गए, जिस कारण अयाज अहमद का आवेदन लंबित रखा गया। आरोप है कि कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव आइपी सिंह 15 मई 2022 को बिना अनुमति मंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे और आदेश पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर दिए।
बताया जा रहा है कि आरोपित ने फाइल मुख्यमंत्री के बजाय पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दी। पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद का विभागाध्यक्ष के पद के लिए आइपी सिंह ने ही अनुमोदन कर दिया। लंबी जांच के बाद डालनवाला कोतवाली में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विभागाध्यक्ष अयाज अहम के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है। जिसके बाद अब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।