देहरादून 15 नवंबर 2022। राजधानी देहरादून में चर्चित बिल्डर पर धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश डोईवाला थाना पुलिस को दिए हैं। देहरादून के प्रसिद्ध बिल्डर एवं उद्योगपति सुधीर विंडलास का एक प्रोजेक्ट में कार्यरत पूर्व डीजीएम सेल्स के पद पर तैनात उपेंद्र कुमार शुक्ला से विवाद चल रहा था। जिसमें विंडलास रिवर वैली आवासीय परियोजना के स्वामी सुधीर विंडलास पर पीड़ित द्वारा लगभग साढ़े सात लाख रुपए इंसेंटिव न देकर गबन करने का आरोप लगाया था और इतना ही नहीं सुधीर विंडलास के सहयोगी प्रणव रस्तोगी को भी मुख्यकर्ता धर्ता बताया था। आपको बता दें पीड़ित की नियुक्ति दिनांक 8 अगस्त 2018 को हुई थी। प्रार्थी द्वारा अपने कार्यकाल में किये गये सेल से इनसेन्टिव के रूप में कुल मु0 745,704 /- रूपये विण्डलास डैवलपर प्रा०लि० द्वारा प्रार्थी को अदा किये जाने थे। उसके द्वारा अपना कार्यकाल पूर्ण होने पर विपक्षीगण से विनती की गयी कि वह उसे अदा किये जाने वाली धनराशि के एवज में एक फ्लैट विक्रय कर दे तथा इस एवज में प्रार्थी को देय इनसेन्टिव की धनराशि को समायोजित करते हुए शेष धनराशि प्रार्थी से प्राप्त कर उसे एक फ्लैट विकय कर दिया जाए।
विपक्षीगण द्वारा प्रार्थी को देय धनराशि के क्रम में 1090 वर्गफिट का एक फ्लैट यूनिट संख्या 108 ब्लाक गंगा – 1 को कुल मु० 30,69,307 /- रूपये में आवंटित किया जाना तय पाया गया। तथा प्रार्थी से कुल धनराशि मु0 8,85,616 / – प्रार्थी के प्रति देय इनसेन्टिव की धनराशि को समायोजित करते हुए प्राप्त की गयी। प्रार्थी को आवंटित फ्लैट तैयार हो गया था। पीड़ित इस फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिये लगातार विंडलास वैली प्रोजेक्ट के लोगो से संपर्क करता रहा लेकिन उसे टाला जाता रहा। फ्लैट की बाजारी कीमत 60 लाख बताते हुये पीड़ित को टरका दिया गया और देख लेने की धमकी भी दी गई। मामले पर सुनवाई करते हुए अब डोईवाला कोर्ट ने डोईवाला थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए है। आपको बताते चलें कि सुधीर विंडलास के खिलाफ दून के राजपुर थाने में दर्ज मुकदमे में राज्य सरकार सीबीआई जांच की संस्तुति भी कर चुकी है।