हरिद्वार 02 अक्टूबर 2022। हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा ने इतिहास में पहली बार शानदार प्रदर्शन करके 44 में से 14 जिला पंचायत सीटें अपने नाम की और पिछले एक-दो दिन से लगातार बसपा व निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य भाजपा का दामन थाम रहे हैं।
आज हरिद्वार जिला कार्यालय पर भगवानपुर से कांग्रेस विधायक ममता राकेश के पुत्र अभिषेक राकेश और पुत्री आयुषी राकेश ने भाजपा का दामन थामा और इसी के साथ हरिद्वार में कांग्रेस को एक और झटका लग गया है।
कांग्रेस को उत्तराखंड में लगातार झटको का दौर जारी है और देखना यह होगा कि आखिर पार्टी में आया आया तूफान कब शांत होगा।
सांसद रमेश पोखरियाल निशंक जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान विधायक आदेश चौहान और अन्य लोगों ने अभिषेक और आयुषी को पार्टी की सदस्यता दिलवाई। आपको ज्ञात होगा हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में कांग्रेस विधायक ममता राकेश अपने समर्थकों के संग मतगणना स्थल पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई थी।
तो वहीं अब उन्हीं के पुत्र और पुत्री ने उन्हें बीच मझधार में छोड़ दूसरी नौका पकड़ ली है। भाजपा ने कुल 14 जिला पंचायत सीटें अपने नाम की है तो वही विगत दो-तीन दिन से भाजपा में लगातार जिला पंचायत सदस्यों के शामिल होने का दौर जारी है।
आज यानी रविवार को मिलाकर भाजपा में कुल 14 (जिसमें बसपा और निर्दलीय शामिल है) जिला पंचायत सदस्य शामिल हो चुके हैं और अब माना जा रहा है कि भाजपा इतिहास में पहली बार हरिद्वार में अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की और पहुंच चुकी है।
क्या राजनीति में भोगा जा रहा सत्ता का सुख?
विगत कुछ सालों से एक राजनीतिक पार्टी छोड़कर दूसरी में सदस्यता लेने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। एक ही परिवार के सदस्य दो अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों का हिस्सा बन रहे हैं और ऐसा लग रहा है जैसे जनता के हितों और मुद्दों को नजरअंदाज करके नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेक कर ऊंचा मुकाम हासिल करना चाहते हैं।
उत्तराखंड में भी ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, नेता अपने ही मन मुताबिक पार्टी में अपमान होने और दूसरी पार्टी में सम्मान मिलने की बात कह कर अपनी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। जैसे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था और हाल ही में विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया। ऐसे ही आम आदमी पार्टी से मुख्यमंत्री का चेहरा रहे कर्नल कोठियाल भी भाजपा की सरकार बनने के बाद सत्ता का सुख भोगने के लिए भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे सीधे तौर पर जनता में यह संदेश जा रहा है कि क्या राजनीतिक एक बिजनेस का हिस्सा हो गई है कि पहले तो ईमानदारी और सेवा की बड़ी-बड़ी बातें करो और उसके बाद नेता बनकर प्रदेश में अपने अन्य कारोबार पर्दे के पीछे से चलते रहें।