हरिद्वार 30 सितंबर 2022। अंकिता हत्याकांड में इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां कई सवालों को लेकर घेरे में आए पूर्व पटवारी वैभव प्रताप सिंह को एसआईटी ने गहन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक फरार चल रहे वैभव प्रताप को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है और अब माना जा रहा है कि मामले में कड़ियां जुड़ती चली जाएंगी। आपको बता दें कि 18 सितंबर को अंकिता भंडारी ऋषिकेश चीला रोड स्थित वनंतरा रिसोर्ट से गायब हुई थी और 24 सितंबर की सुबह अंकिता भंडारी का शव चीला नहर से मिला था।
अंकिता भंडारी के पिता का पटवारी पर गंभीर आरोप है कि पटवारी ने उन्हें मुकदमा दर्ज होने का दिलासा देकर काफी लंबे वक्त का गुमराह किया और केस को दबाने की कोशिश की। इतना ही नहीं आपको बता दें पटवारी वैभव प्रताप अपनी जगह विनोद कुमार को ड्यूटी सौंपकर छुट्टी पर चला गया था और उसके बाद से ही फरार चल रहा था। सवाल तो यह भी खड़े हो रहे थे कि आखिर वैभव प्रताप की जगह विनोद कुमार को पटवारी के पद पर किसने ड्यूटी करने की इजाजत दी और इसके आदेश कब जारी हुए? मामले में गंभीर सवाल तो यह भी खड़े हो रहे हैं कि जब अंकिता भंडारी 18 तारीख की रात से गायब थी और 24 तारीख को जब अंकिता का शव मिला तो बाडी गली और फूली क्यों नहीं थी? क्योंकि बॉडी अगर पानी के अंदर 24 घंटे से ज्यादा रह जाती है तो स्वाभाविक ही वह पानी भरने के कारण फूल जाती है और 5 दिन तक तो बॉडी ऐसी हो जाती है कि आप अगर उसको ज्यादा प्रेशर से छूएंगे तो वह फटने लग जाएगी।
बरहाल मामला गंभीर होने के साथ-साथ पेचिदा होता जा रहा है क्योंकि हर दिन मामले से जुड़े कई राज अलग-अलग साक्षष्यों और तथ्यों के आधार पर सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड के लोग मामले में बहुत आक्रोशित हैं और भर्ती घोटालों के साथ-साथ अंकिता हत्याकांड में भी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। आज मुख्यमंत्री धामी ने अंकिता के गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।