उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटालों ने प्रदेश के युवाओं का खून खोला दिया अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले में निराश छात्रों ने जब विधानसभा में नेताओंं और मंत्रियों के रिश्तेदारों की नौकरी लगने की लिस्ट देखी तो बवाल मच गया 2016 और 2021 में विधानसभा में हुई नियुक्तियों पर बड़े सवाल खड़े होने लगे और यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया हूं दबाव में आई भाजपा ने भी तुरंत विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करके नियुक्तियों की जांच की मांग की मामले में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने बिना किसी देरी के जांच कमेटी का गठन किया और 1 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा लगभग 20 दिन बाद ही जांच कमेटी ने विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी और नियुक्तियां निरस्त करने के बाद जांच में कही गई। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कांग्रेस और भाजपा के शासन में की गई विधानसभा नियुक्तियों को निरस्त कर दिया। लेकिन अब एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें विधानसभा अध्यक्ष पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं मामला विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के ओएसडी से जुड़ा हुआ है जिनका नियुक्ति पत्र वायरल है और लोग इस पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।बीते दिनों सोशल मीडिया पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी द्वारा नियुक्त किए गए तीन कर्मचारियों का आदेश का पत्र वायरल हो रहा है, वायरल पत्र की पुष्टि टॉप की खबर नहीं करता है। सोशल मीडिया पर ऋतु खंडूड़ी द्वारा नियुक्त किए गए इस पत्र को सबसे पहले यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने पोस्ट किया था, जिसको लेकर सभी मीडिया ग्रुपों ने जानकारी जुटानी शुरू कर दी।
शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा की यह नियुक्ति पत्र ओरिजिनल है, जिसकी वह जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की नियुक्तियां करके विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किस तरह का संदेश दिया जा रहा है? उन्होंने कहा एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष पूर्व में की गई नियुक्तियों का निरस्तीकरण कर रही है। वहीं, दूसरी ओर खुद ही इस तरह की नियुक्तियां कर रही हैं। शिव प्रसाद सेमवाल ने सवाल उठाया कि नियुक्त किए गए यह कर्मचारी उत्तराखंड के बाहर से है, जिसका उन्होंने विरोध करते हुए कहा उत्तराखंड में बाहरी लोगों को क्यों रोजगार में आगे रखा जा रहा है?विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी कहा कि यह पूरी तरह से पूर्वाग्रह से ग्रसित मामला है। उन्होंने कहा नियुक्ति के आदेश में साफ देखा जा सकता है कि विधानसभा अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होते ही यह नियुक्तियां स्वत: समाप्त हो जाएंगी। वहीं, बाहरी लोगों को नियुक्ति देने के सवाल पर उन्होंने कहा वह एक बेहतर व्यवस्था चाहती हैं, जिसके लिए वह लगातार प्रयास कर रही हैं। उत्तराखंड में भी बेहतर लोग हैं, लेकिन उनके हर फैसले का कुछ लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनके फैसले से कईयों को दुख हुआ है, उनके द्वारा नियुक्त किए गए लोग बेहद क्वालिफाइड और योग्य हैं।