ब्रेकिंग : महिला सशक्तिकरण मंत्री को शीशे टूटने का डर, रात को पहुंची अंकिता के घर, तो वही अंकिता हत्याकांड में एक और विधायक की भूमिका संदेह के घेरे में

Listen to this article

हरिद्वार 28 सितंबर 2022। उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड ने प्रदेश की जनता को आक्रोशित कर दिया है और लोग जल्द से जल्द आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। 18 सितंबर की रात को पूर्व दर्जा धारी मंत्री एवं भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता विनोद आर्या के पुत्र पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगी सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता ने अंकिता भंडारी को चीला नहर में फेंक दिया क्योंकि अंकिता भंडारी के पास उनकी काली करतूतों की कुछ जानकारी थी। इतना ही नहीं पटवारी वैभव प्रताप द्वारा अंकिता के पिता को कई घंटों तक गुमराह भी करने के आरोप हैं लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि प्रदेश की महिला सशक्तिकरण मंत्री को घटना के 4 दिन बाद फेसबुक पर एक पोस्ट डालने की याद आई और घटना के 7 दिन बाद देर रात्रि में अंकिता के गांव पहुंचने की जरूरत समझी।

रेखा आर्य इसलिए विवादों में आ गई क्योंकि रात्रि के अंधेरे में टॉर्च जलाकर वह अंकिता के घर पहुंची और इसी के साथ उन्होंने इस मुलाकात का प्रचार-प्रसार भी करना जरूरी समझा। इसलिए उनके आधिकारिक पेज से अंकिता भंडारी के परिजन और उनकी मुलाकात की‌ तस्वीरें देख लोग भड़क गए और तमाम सवाल पूछने लगे। शायद कैबिनेट मंत्री को ऋषिकेश एम्स में यम्केश्वर विधायक रेणु बिष्ट की गाड़ी के शीशे तोड़ने की तस्वीरें दिमाग में गूंज रही होगी इसलिए उन्होंने रात्रि में ही जाना उचित समझा। जिससे प्रदेश में मंत्री जी की‌ साख पर कोई विरोध का दाग न‌ लग सके।

लेकिन हाल ही के दिनों में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के दो फैसलों ने उन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पहला तो यह कि वह हरिद्वार में सतपाल महाराज का जन्मदिन मनाने तो आई लेकिन बुलावे के बाद भी 2 किलोमीटर दूर भल्ला स्टेडियम में चल रही तीरंदाजी प्रतियोगिता से नदारद रही।

वही अंकिता हत्याकांड में भी महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि मामला वायरल होने के बाद भी उन्होंने इस घटना में मुख्यमंत्री धामी से किसी कार्रवाई की गुहार और पुलिस को आदेश देने की बात तो दूर इस मामले का रेखा आर्य ने शुरूआती 3-4 दिन तक संज्ञान ही नहीं लिया।

इतना ही नहीं वह देहरादून में चल रही रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज देखने के लिए भी पहुंची और अपने अन्य प्रतिदिन के कार्यक्रमों में शामिल होती रही। यह सब दिखाता है कि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को कैबिनेट की चकाचौंध ने प्रदेश की जनता का सुख-दुख भुला दिया है या यूं कहें सिर्फ चुनाव आने के समय पर ही उन्हें लोगों की याद आती है।

यम्केश्वर विधायक रेणु बिष्ट की भूमिका भी संदेह के घेरे में

ऋषिकेश एम्स में 24 सितंबर को अंकिता भंडारी के पोस्टमार्टम वाले दिन यम्केश्वर की विधायक रेणु को भारी विरोध झेलना पड़ा। क्योंकि जिस क्षेत्र में अंकिता के साथ यह घटना हुई वहां की विधायक खुद रेनू बिष्ट है और लोगों का यह आरोप था कि विगत तीन-चार दिन से रेणु बिष्ट पूरी तरह से गायब रही और मामले का संज्ञान तक नहीं लिया।

इसी कारण विधायक रेणु बिष्ट को ऋषिकेश एम्स में भारी विरोध झेलना पड़ा और गुस्साए लोगों ने उनकी गाड़ी के शीशे तक तोड़ दिए। इतना ही नहीं रेणु बिष्ट की भूमिका भी संदेह के घेरे में इसलिए है क्योंकि पूरे मामले में गायब रही रेणु बिष्ट 23 तारीख की रात को जब बुल्डोजर द्वारा रिजोर्ट तोड़ने की कार्यवाही की जा रही थी, तो वह रात्रि में वहां मौजूद थी।

लोग यह भी सवाल पूछ रहे थे कि रात्रि में विधायक को रिसोर्ट पर जाने की याद कैसे आ गई? घटनास्थल पर मौजूद रेनू बिष्ट का कहना था कि वह बेटी को न्याय दिलाने के लिए उस दिन मुख्यमंत्री धामी से भी मिली और उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए सीएम से भी मांग की है।

रिसोर्ट तोड़ने की कार्रवाई पर भी लोगों ने सवाल खड़े किए तो भनक लगते ही रिसोर्ट की कुछ दीवार तोड़ कर कार्यवाही रोक दी गई। जब इस मामले में एसडीएम और प्रशासनिक अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा रिसोर्ट तोड़ने का कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया। अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि उत्तराखंड पुलिस और मुख्यमंत्री धामी ने अपने आधिकारिक पेज से रिसोर्ट तोड़ने की कार्रवाई को जाहिर किया था लेकिन आखिरकार रिसोर्ट पर बुलडोजर किसने भेजा?

और वैसे भी जब कोई बिल्डिंग या भवन किसी जांच के दायरे में होता है तो यह स्वाभाविक है कि उसको बिना किसी जांच के गिराया नहीं जा सकता, यह सीधे तौर पर साक्ष्यों को मिटाने की भूमिका में आता है। इतना ही नहीं पुख्ता सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि अंकिता भंडारी का चीला नहर से शव मिलने के बाद, उनके परिजनों के पहुंचने से पहले ही रेणु बिष्ट ऋषिकेश एम्स के मोर्चरी में पहले से ही मौजूद थी।

तो आखिर वह वहां क्या कर रही थी और रिपोर्ट आने से काफी पहले ही वहां से निकल गई थी। यह सब जांच का विषय है और यह आने वाला वक्त और एसआईटी की जांच ही स्पष्ट बता पाएगी।

 

error: Content is protected !!