श्राद्ध करने से शांति व संतोष की होती है प्राप्ति – जगद्गुरु अयोध्याचार्य

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हरिद्वार 22 सितंबर 2022। हरिद्वार के श्रवणनाथ नगर स्थित नरसिंह धाम में साकेत वासी नारायण दास महाराज के श्राद्ध के उपलक्ष में भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्या चार्य महाराज ने कहा कि पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से मनुष्य को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी सही रहता है।

स्वास्थ्य के साथ धन, सद्बुद्धि, ऐश्वर्य आदि की कमी नहीं रहती और पित्रों के आशीर्वाद से परिवार की वंशवृद्धि होती है। विष्णु पुराण के अनुसार श्राद्ध कर्म करने से केवल पितृ ही तृप्त नहीं होते, बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी और सरीसृप आदि समस्त भूतल पर रहने वाले जीव भी तृप्त हो जाते हैं।

शास्त्रों में उल्लेख है कि पित्रों में अर्यमा श्रेष्ठ हैं, वह पितरों के देव हैं। श्राद्ध कर्म करने से वे भी तृप्त हो जाते हैं। श्राद्ध करने वाला व्यक्ति शांति व संतोष प्राप्त करता है। श्राद्ध कर्म करने से गृह क्लेश समाप्त होता है। परिवार के सदस्यों में प्रेम रहता है व परिवार अकाल मृत्यु के भय से मुक्त होता है।

साथ ही उन्होंने कहा पितृ पक्ष में बेल, पीपल, तुलसी, बरगद, केला, वट वृक्ष, या शमी का पौधा लगाना चाहिए और पितृ पक्ष में कुत्ता, गाय को भोजन कराना शुभ फलदायक होता है। इस अवसर पर महंत विष्णु दास, महंत प्रेमदास, महंत प्रहलाद दास, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण आदि उपस्थित थे।

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