गजब! जन्मदिन मनाने में मशगूल खेल मंत्री नहीं पहुंच पाई चंद किलोमीटर दूर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में, भाजपा सांसद, पूर्व मंत्री और विधायक भी नदारद, खेल प्रतियोगिताओं पर भारी पंचायत चुनाव

Listen to this article

हरिद्वार 21 सितंबर 2022। यूं तो प्रधानमंत्री मोदी से लेकर भारत सरकार के मंत्री और उत्तराखंड के सीएम धामी से लेकर उत्तराखंड के मंत्री खेलो इंडिया के बैनर तले बड़ी-बड़ी खेल की बातें करते हैं और देश के युवाओं को खेल के प्रति जागरुक करने का काम करते हैं। लेकिन हरिद्वार में एक ऐसा नजारा सामने आया है जो कि इस शर्मनाक है और दूसरे शब्दों में कहें तो खेल प्रेमियों का मजाक उड़ाया गया है। आज हरि टीवी एक ऐसे ही मामले का खुलासा करने जा रहा है जिसको पढ़ कर आप गुस्से से आग बबूला हो जाएंगे। हरिद्वार के भल्ला कॉलेज स्टेडियम स्थित मैदान में चार दिवसीय राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें जूनियर और सीनियर कैटेगरी थी।

इसमें तमिलनाडु, केरल, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब और देश के तमाम जगह से खिलाड़ी हरिद्वार पहुंचे और उन्होंने प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। तीरंदाजी की इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सिर्फ तैयारी करने वाले खिलाड़ी नहीं बल्कि भारत को विश्व पटल पर गौरवान्वित करनेवाले एशियन चैंपियन और वर्ल्ड चैंपियन में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी भी पहुंचे थे।

इस प्रतियोगिता में आयोजकों ने उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य, समेत डीजीपी अशोक कुमार, मंत्री गणेश जोशी सांसद रमेश पोखरियाल निशंक पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद विधायक आदेश चौहान और विधायक मदन कौशिक समेत हरिद्वार के भी कई विभागों के आला अधिकारियों को आमंत्रित किया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की खेल भावना को ठेंगा दिखा रहे। उन्हीं की भाजपा सरकार कि खेल मंत्री रेखा आर्य का यह हाल था कि 21 सितंबर को हरिद्वार में सतपाल महाराज का जन्मदिन के कार्यक्रम में शामिल होना तो उन्होंने जरूरी समझा लेकिन चंद किलोमीटर दूर चल रही प्रतियोगिता में जाकर खिलाड़ियों और छोटे बच्चों का उत्साहवर्धन करना वह ज़रूरी नहीं समझती।

शायद ही आज से पहले उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा हुआ होगा कि खेल मंत्री और अन्य मंत्री, विधायक हरिद्वार में साथी कैबिनेट मंत्री का जन्मदिन मनाने पहुंच रहे है लेकिन उसी शहर में हो रहे राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी प्रतियोगिता को मंत्रियों ने सीरे से नजरअंदाज कर दिया। मीडिया से बात करते हुए परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और उन्होंने कहा कि हरिद्वार में तमाम मंत्रियों और विधायकों के आवास है और वह पंचायत चुनाव के कारण भी यहां की दिन से मौजूद है। लेकिन किसी ने प्रतियोगिता में आना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि किस तरह से खिलाड़ियों की खेल भावना के साथ उत्तराखंड के नेताओं द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है।

वही दूसरी और हरिद्वार में चल रहे पंचायत चुनाव में तो तमाम भाजपा के नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है और सांसद निशंक से लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री यतिश्वरानंद और विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान भी दिन-रात पंचायत चुनाव में प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन अपने ही शहर में जहां से वह विधायक और सांसद हैं वह 4 दिन चले खेल में 4 मिनट के लिए भी जाना जरूरी नहीं समझते हैं। यह दिखाता है कि किस तरह से खेल की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मंत्री और विधायक खेल के प्रति कितना समर्पित है और कैसे सिर्फ वोट बैंक के लिए उत्तराखंड के युवाओं और लोगों को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं। अरे टीवी का यह मानना है कि खेल मंत्री को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए और सीएम धामी को भी ऐसे मंत्रियों को खेल मंत्री बनाना चाहिए जो खेल के प्रति रुचि रखते हो या पूर्व में खिलाड़ी रहे हो। जिससे कि आने वाले समय में खेल के प्रति कोई ऐसा दुर्व्यवहार ना कर सके और खिलाड़ियों को भी यह लगे कि वास्तव में सरकार और नेता खेल को बढ़ावा देना चाहते हैं। भारत में एक से बढ़कर एक खेल के खिलाड़ी पड़े हैं लेकिन जिम्मेदार नेताओं की ओछी हरकतों के कारण उनकी प्रतिभा सिर्फ गलियों और सड़कों तक ही सीमित रह जाती है। हरिद्वार में जो हुआ वह बहुत निंदनीय है ऑल सरकारों को खिलाड़ियों के प्रति ध्यान देना चाहिए और क्रिकेट को छोड़कर देश में हो रहा अन्य खेलों में भी विजेताओं की धनराशि को बड़ा जाना चाहिए और उनकी सुविधाओं के लिए हर जिले में अलग-अलग खेलो संबंधित ट्रैक और फील्ड बनाने या खिलाड़ियों की तैयारियों के लिए योजना चलानी चाहिए।

error: Content is protected !!