ब्रेकिंग : उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग ने प्रथम चरण की परीक्षाओं का कैलेण्डर किया निर्धारित, क्या सीबीआई जांच की मांग को अनसुना कर रही सरकार या सच में दिखेगा जीरो टॉलरेंस

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देहरादून 20 सितंबर 2022। उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार की अध्यक्षता में दिनांक 20 सितम्बर, 2022 को आयोग की बैठक में शासन द्वारा सन्दर्भित की गई विभिन्न समूह ग की परीक्षाओं के विज्ञापन प्रकाशन एवं प्रस्तावित परीक्षा तिथि निर्धारित की गयी है।

निर्धारित कैलेण्डर के अनुसार 

पुलिस आरक्षी-पीएसी/आई.आर.बी/अग्निशामक की विज्ञापन प्रकाश तिथि 07 अक्टूबर, 2022 और परीक्षा तिथि 18 दिसम्बर, 2022 निर्धारित की गई है।

राजस्व उप निरीक्षक/लेखपाल की विज्ञापन प्रकाश तिथि 14 अक्टूबर, 2022 और परीक्षा तिथि 08 जनवरी, 2023 निर्धारित की गई है।

वन आरक्षी की विज्ञापन प्रकाशन तिथि 21 अक्टूबर, 2022 तथा परीक्षा तिथि 22 जनवरी, 2023 निर्धारित की गई है।

सहायक लेखाकार/लेखा परीक्षक की विज्ञापन प्रकाश तिथि 28 अक्टूबर, 2022 एवं परीक्षा तिथि 12 फरवरी, 2023 निर्धारित की गई है।

बैठक में सदस्यगण प्रो. (डॉ) जगमोहन सिंह राणा, डॉ० रवि दत्त गोदियाल, श्री अनिल कुमार राणा, श्रीमती नन्दी राजू श्रीवास्तव, डॉ० ऋचा गौड़ एवं आयोग के सचिव श्री गिरधारी सिंह रावत, परीक्षा नियंत्रक श्री एस०एल० सेमवाल, विधि सलाहकार श्रीमती सविता चमोली तथा उपसचिव डॉ० प्रशान्त उपस्थित रहे। उक्त बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ-साथ शासन द्वारा सन्दर्भित की गई विभिन्न समूह ग की परीक्षाओं के विज्ञापन प्रकाशन एवं प्रस्तावित परीक्षा तिथि निम्न प्रकार निर्धारित की गयी है।

आयोग के अध्यक्ष डाॅ राकेश कुमार ने मुख्य सचिव डाॅ एस एस संधु से भेंट की। डाॅ कुमार ने कहा कि शासन और विभागीय नियमावलियो के अनुसार पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षाओं के आयोजन के लिए आयोग युद्धस्तर पर पुख्ता तैयारियां कर रहा है। अभी प्रथम चरण की परिक्षाओ की तिथियों का निर्धारण किया गया है। जल्द ही अन्य परिक्षाओ की तिथियां भी निर्धारित की जाएंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि शासन द्वारा आयोग को हर प्रकार से सहयोग किया जाएगा।

आखिर कब होगी सीबीआई जांच?

उत्तराखंड में भर्ती घोटाले सामने आने के बाद प्रदेश के युवा आक्रोशित थे और प्रदेश में जगह-जगह धरना प्रदर्शन का दौर शुरू हो चुका था। कई सालों से मेहनत कर तैयारी कर रहे युवाओं द्वारा घोटालों में सीबीआई जांच की मांग तेज होने लगी और आज भी बेरोजगार संघ समेत प्रदेश के तमाम बेरोजगार युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी युवाओं को निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया था और मामले की जांच भी उत्तराखंड एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ ने बखूबी कार्रवाई करते हुए लगभग 40 गिरफ्तारियां उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गोवा से क। लेकिन आज भी प्रदेश के युवा मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि घोटालों में अभी भी मुख्य आरोपियों को बचाने का काम किया जा रहा है। साथ ही उनका यह भी आरोप है कि बिना किसी बड़े राजनेता और राजनीतिक संरक्षण के ऐसा घोटाला संभव ही नहीं है और और एसटीएफ के पास इतनी शक्ति नहीं कि वह सफेदपोश आकाओं से पूछताछ करे या उन्हें गिरफ्तार करें। प्रदेश के तमाम युवा उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटालों में भी सामने आए नेताओं के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और सभी घोटालों में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग से 23 परीक्षाएं स्थानांतरित कर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को सौंप दी और लोक सेवा आयोग भी जोर-शोर से तैयारियों में जुटा हुआ है। लेकिन बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा है क्या परीक्षाएं जल्द करा कर प्रदेश में उठी सीबीआई जांच की मांग को सरकार अनसुना कर रही है या फिर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार असल में एक ऐतिहासिक निर्णय लेगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

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