ब्रेकिंग : यूपी उत्तराखंड परिसंपत्ति विवाद लंबे समय बाद हुआ समाप्त, उत्तराखंड रोडवेज को मिलेंगे 100 करोड़ रुपए

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9 नवंबर सन 2000 को उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से तो अलग हुआ लेकिन उसके बाद से ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच में कई ऐसे मामले हैं जिन पर विवाद चलता रहा है।  उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में परिसंपत्ति विवाद भी काफी चर्चा का विषय है और हाल ही में अप्रैल के महीने में उत्तराखंड के हरिद्वार दौरे पर आए सीएम योगी से मुख्यमंत्री धामी ने भी इन मसलों पर चर्चा की थी और जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कही थी। अब इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है जहां उत्तर प्रदेश रोडवेज उत्तराखंड रोडवेज को 100 करोड़ रुपए देगी। उत्तराखंड रोडवेज के लिए एक सुखद खबर आई है। उत्तर प्रदेश ने परिसंपत्तियों के बंटवारे के बकाया 100 करोड़ रुपये जारी कर दिए। करीब 19 साल बाद रोडवेज की परिसंपत्तियों के विवाद का निपटारा आखिरकार हो गया है। परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि यह धनराशि मिल जाने से रोडवेज की व्यवस्थाओं को बेहतर करने में मदद मिलेगी।

सोमवार को परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि यूपी से 100 करोड़ रुपये मिलने के साथ रोडवेज का परिसंपत्ति विवाद भी समाप्त हो गया है। आपको बता दें कि बीते साल 18 नवंबर 2021 को यूपी के मुख्यमंत्री योगी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के बीच रोडवेज के बंटवारे के रूप में उत्तराखंड को 205 करोड़ रुपये देने पर सहमति बनी थी। 105 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं। उत्तराखंड में रोडवेज का गठन 2003 में हुआ था। इसके बाद से ही यूपी के साथ परिसंपत्तियों को लेकर विवाद चल रहा था। परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने कहा कि सीएम ने वर्ष 2025 में उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया है। इसके तहत रोडवेज काठगोदाम में आईएसबीटी, टनकपुर डिपो को सेंट्रल डिपो के रूप में विकसित करेगा।

इसके साथ ही काशीपुर, रामनगर, हल्द्वानी, पौड़ी, श्रीनगर, हरिद्वार, रुड़की को आधुनिक डिपो बनाया जाएगा। परिवहन मंत्री ने कहा कि एक अक्टूबर से दिल्ली में बीएस 6 मॉडल की डीजल बसों को ही प्रवेश करने देने की बात जानकारी में आई है। उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली सरकार अपने इस फैसले को कुछ और आगे तक बढ़ा सकती है। इस बाबत दिल्ली के परिवहन मंत्री से बातचीत भी हो चुकी है। बहरहाल वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में रोडवेज 210 बसों का इंतजाम कर रहा है। इसमें 60 बसें खरीदी जाएंगी। जबकि 150 इलेक्ट्रिक बसों को कांट्रेक्ट पर लिया जाएगा। महज 11 दिन में 210 बसों का इंतजाम कैसे होगा? इस सवाल के जवाब में मंत्री का कहना था कि हो जाएगा। ठोस व्यवस्था की जा रही है। मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में टैक्स न चुकाने वाली बसों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी आरटीओ-एआरटीओ को निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश में आने वाले वाहनों से एंट्री शुल्क के रूप में ग्रीन सेस लेने पर विचार किया जा रहा है।

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