ब्रेकिंग : सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत पर जेल से रिहा हुए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, संत समाज ने किया स्वागत

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हरिद्वार। 17 से 19 दिसंबर 2021 को हरिद्वार में हुई धर्म संसद ने पूरे देश ही नहीं बल्कि विश्व में बवाल खड़ा कर दिया‌। आलम यह हुआ कि धर्म संसद में कही गई बातों को हेट स्पीच कहा जाने लगा और तमाम लोगों पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमे भी दर्ज हुए और गिरफ्तारियां भी हुई।

धर्म संसद में सबसे मुख्य चर्चा का विषय रहे जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी, जिन को जेल भी जाना पड़ा और वह लगभग 4 महीने जेल की सजा काट कर आज सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त ज़मानत के बाद रोशनाबाद जेल से रिहा हो गए‌। आपको बता दें कि इससे पहले वसीम रिजवी को मेडिकल आधार पर रिहा किया था और अंतरिम जमानत ना बढ़ने पर कोर्ट ने वसीम रिजवी को सरेंडर करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद विगत 2 सितंबर को वसीम रिजवी ने हरिद्वार के रोशनाबाद कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।

सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त जमानत में जेल से रिहा होते ही उनका स्वागत और अभिनंदन करने के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, बाबा हठयोगी, स्वामी दर्शनानंद भारती, पंडित अधीर कौशिक, सहित कई संतों और लोगों ने हरिद्वार जिला कारागार के बहार पहुंचकर शॉल ओढ़ाकर ओर माला पहनाकर उनका स्वागत और अभिनंदन किया।

जेल से बाहर आते ही जितेंद्र त्यागी ने कहा कि मैंने कोई जुर्म नहीं किया मैं बेवजह ही बिना किसी अपराध की सजा भुगत रहा हूं साथ ही उन्होंने कहा कि वह अब हिन्दू समाज के लिए काम करना चाहते हैं। मदरसों पर पूछे गए सवाल के जवाब में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मदरसों को लेकर वह पहले भी अपना व्यक्तवय दे चुके हैं और आज भी वह उसी बयान पर कायम हैं, की मदरसों को बंद कर दिए जाने चाहिए।

जेल से रिहा होने के बाद वसीम रिजवी मायापुर स्थित निरंजनी अखाड़ा पहुंचे जहां उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी से आशीर्वाद लिया और सनातन धर्म को मजबूत करने और मानव सेवा को लेकर दोनों के बीच चर्चा भी हुई।

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