देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में एसटीएफ की ताबड़तोड़ कार्यवाही के बाद अब तक 34 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। मामले की जांच जारी है तो वहीं अन्य भर्तियों में भी घोटाले की बात सामने आ रही थी जिसको लेकर मुख्यमंत्री धामी ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए ऑनलाइन दरोगा वन भर्ती की जांच एसटीएफ को सौंपी है जिसमें मुकदमा भी दर्ज हो गया है। लेकिन उत्तराखंड में हुई तमाम भर्तियों में घपले की बात सामने आने के बाद बेरोजगार युवा आक्रोशित हैं और वह पहले दिन से ही सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं। सीबीआई जांच की मांग को लेकर उत्तराखंड में अलग-अलग जगह धरने प्रदर्शन भी हो रहे हैं और बेरोजगार युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया था। डीजीपी द्वारा उक्त प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। उपरोक्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में आज केस दर्ज किया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा था भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है, तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।
एसटीएफ़ द्वारा जानकारी दी गयी है कि वन दरोगा के पदों पर भर्ती परीक्षा दिनांक 16-9-21 से 25-9-21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी।जिसमे कुल 316 पदो के लिए रिक्तियां थी। उपरोक्त प्रकरण में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की एसटीएफ/साइबर द्वारा जांच बाद पुष्टि हुई है।
प्रकरण में जांचोंपरांत साइबर थाना देहरादून पर आज मुकदमा अपराध संख्या: 22/22 धारा 420/120 B भादवी,66 आई.टी. एक्ट और 3/5/6/9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की धाराओं में पंजीकृत किया गया है।
प्रकरण में प्राथमिक रूप से कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है और इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है।
इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी M/S NSEIT Limited की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है और साथ ही कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षायें आयोजित हुई, उनको भी चिन्हित कर लिया गया है।
उपरोक्त ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग प्राथमिक जांच में शामिल पाए जाने के संकेत मिले है।
ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहा नकल के सेंटर थे, ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग, कक्ष निरीक्षक, व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध प्रकाश में आए है।