श्री लाल जी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा और विश्व शांति वैष्णव यज्ञ का हुआ समापन

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हरिद्वार 2 सितंबर। हरिद्वार के निरंजनी अखाड़ा रोड श्रवणनाथ नगर स्थित श्री लाल जी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। भागवत समाप्ति के अगले दिन विश्व शांति वैष्णव यज्ञ का आयोजन भी आश्रम में किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता लाल जी मंदिर के अध्यक्ष घनश्याम गोस्वामी ने की और पंडित श्री देवेंद्र कृष्ण आचार्य ने भक्तों को 7 दिन भागवत का श्रवण करवाया। 25 अगस्त को कलश यात्रा और विधि विधान के पूजन के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ जिसका समापन 31 अगस्त की शाम को भोग के साथ हुआ और रात्रि में भजन संध्या का आयोजन भी किया गया।

वही अगले दिन यानी 1 सितंबर को विशाल विश्व शांति वैष्णव यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न राज्यों से आए भक्तों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। दिनांक 2 सितंबर को आश्रम में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हरिद्वार के तमाम अखाड़ों के संत श्री महंत और महामंडलेश्वर मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन महंत दिनेश शास्त्री ने किया। इस अवसर पर लाल मंदिर के अध्यक्ष घनश्याम गोस्वामी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जीवन को तार देने वाली कथा है जिसमें पूरे जीवन का सार है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ही एक ऐसी कथा है जिसमें इंसान जीवन से लेकर मरण तक बहुत कुछ सीख सकता है और सीखने के साथ-साथ उन बातों को अपने जीवन में लागू भी कर सकता है।

भागवत कथा नाम का पूर्ण उच्चारण करते हुए उन्होंने बताया कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य व त्याग चारों का मिश्रण जिस ग्रंथ में हो वही भागवत कथा कहलाती है। भागवत वेद रूपी वृक्ष का फल है। जिस प्रकार वृक्ष में कहीं कोई स्वाद नहीं होता, जबकि फल बहुत मीठा होता है। उसमें भी श्रीसुख यानी श्रोता का मुख लगा हो तो सोने पर सुहागा के समान है। इसीलिए भागवत अवश्य करानी चाहिए। 9 दिवसीय इस कार्यक्रम में गोस्वामी परिवार व श्री लालजी सेवक मंडल ने भक्तों और संतों का सादर सत्कार किया।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर गंगा दास, महंत विष्णु दास, महंत हरिहरानंद, महंत दिनेश शास्त्री, महंत प्रहलाद दास, महंत गुरमीत सिंह, महंत गोविंद दास, कोतवाल काली चरण आदि उपस्थित थे।

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