हरिद्वार। बरसात के मौसम में जीव जंतुओं का अकसर रिहायशी इलाकों में घुसना आम बात है और हाल ही में हरिद्वार में ऐसे कई मामले देखे जा चुके हैं जब वन्य जीव जंतु रिहायशी इलाकों के साथ-साथ लोगों के घर में भी घुस गए हैं।
ताजा मामला हरिद्वार के सुखी नदी स्थित रामानुज कौठी आश्रम का है जहां सोमवार देर शाम आश्रम में रह रहे किराएदारों एक अजगर को देखा और उसके बाद अजगर एकदम गायब हो गया और कोठी के अंदर झाड़ियों में ही छिप गया।
थोड़ी देर बाद वहां पर एक छोटा सांप का बच्चा भी निकला जिससे आस पड़ोस में रह रहे स्थानीय निवासियों में डर का माहौल पैदा हो गया। इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई और वन विभाग की टीम थोड़ी देर बाद मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
अंधेरा और झाड़ झंकार पत्थर इत्यादि होने के कारण अजगर को ढूंढने काफी मुश्किल हो रहा था लेकिन थोड़ी देर बाद अचानक अजगर की एक झलक दिखाई दी। जिसके बाद अजगर मैन तालिब ने लगभग 7 से 8 फीट लंबे अजगर को अनुभवी होने के कारण दबोच लिया और एक कट्टे में बंद करके वन विभाग की टीम वहां से उसको ले गई।
जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली और तालिब का इस सफल ऑपरेशन पर ताली हो ताली बजाकर धन्यवाद भी कहा।
कुछ लोगों को कोठी के मालिक पर किरायेदारों के हितों और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाते हुए सुना गया क्योंकि जहां अजगर था वहां बहुत ज्यादा झाड़ झंकार और गंदगी है, जिसको मालिक ने साफ नहीं करवाया और भविष्य में भी कोई दुर्घटना होने की पूरी संभावना है।
तालिब हरिद्वार वन प्रभाग की तरफ से शहर में अजगर और सांप पकड़ने का काम करता है और उसने बताया कि वह रोजाना 8 से 9 सांप या अजगर पकड़ लेता है। साथ ही उसने यह भी कहा कि महीने में वह लगभग 300 से 350 साप और अजगर पकड़ लेता है और अब तक उसने लगभग 3500 विभिन्न प्रजाति के सांप और अजगर पकड़े हैं।