देहरादून। उत्तराखंड को अब देवभूमि ना कहकर भ्रष्ट प्रदेश का दर्जा दिया जाए तो गलत नहीं होगा जिस तरह यहां पर रोजाना नए-नए भर्तियों में घोटाले सामने आ रहे हैं और उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के बाद 2015 दरोगा भर्ती 2021 में हुई उत्तराखंड विधानसभा में भर्ती सहकारिता भर्ती सचिवालय रक्षक भर्ती और तमाम भर्तियों में पेपर लीक और बैक डोर भर्ती के मामले सामने आ रहे हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि उत्तराखंड में भविष्य युवाओं को चौपट है और यहां के सफेदपोश नेताओं के पैसे और हनक के बल पर कैसे उनके पीआरओ और उनके करीबी रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में शामिल किया जा रहा है यह उत्तराखंड में भर्तियों के नाम पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। वहीं एक और बड़ी खबर आ रही है जहां उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नकल माफिया के एकजुट का पर्दाफाश करते हुए एक अभियुक्त को साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसटीएफ के मुताबिक वीपीडीओ (vpdo) परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में उत्तर प्रदेश के चंदौली निवासी शशिकांत, हाल निवासी हल्द्वानी को गहन पूछताछ और पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। UKSSSC पेपर लीक मामले में एसटीएफ की यह 27वीं गिरफ्तारी है। एसटीएफ टीम द्वारा नैनीताल के डिंगता रिजॉर्ट धनाचूली बैंड में एक और नकल गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जहां 35 छात्रों को नकल कराया गया था। एसटीएफ ने नकल मामले में 35 छात्रों को चिन्हित किया है।
एसटीएफ के पूछताछ में अभियुक्त शशिकांत ने खुद बताया कि उसके पास 4 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र है, जिसमें हल्द्वानी, अल्मोड़ा, चंपावत और पिथौरागढ़ में खोले हुए हैं।
जानकारी के अनुसार इन परीक्षा केंद्रों में अब तक 40 से अधिक परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई हैं। उत्तर प्रदेश के नकल माफिया शशिकांत पर साल 2013 में उत्तराखंड सीटीईटी परीक्षा में नकल कराने पर हल्द्वानी में भी मुकदमा दर्ज हुआ था।