20 सूत्री कार्यक्रम रैंकिंग जारी, पौड़ी जिला सबसे आगे, तो हरिद्वार सबसे पिछड़ा

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यूं तो हरिद्वार को स्मार्ट सिटी बनाने के बड़े-बड़े दावे अधिकारियों द्वारा किए जाते हैं और यहां सरकार की योजनाओं को भी धरातल पर उतारने की बात कही जाती है लेकिन हाल ही में जारी हुई 20 सूत्री कार्यक्रम की रैंकिंग ने सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है। 20 सूत्री कार्यक्रम की रैंकिंग में हरिद्वार प्रदेश में सबसे पिछड़े स्थान पर रात वहीं ऑडी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम के तय 20 प्रमुख सूत्रों की कसौटी पर हरिद्वार जिले का प्रदर्शन बाकी जिलों की तुलना में कमतर रहा है।

पौड़ी जिले ने गरीबी हटाओ, ग्रामीण सड़क, महिला एवं बाल कल्याण, खाद्य सुरक्षा, स्वरोजगार, वन रोपण एवं पर्यावरण की श्रेणी में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह खुलासा अर्थ एवं संख्या विभाग के 20 सूत्री कार्यक्रम एवं कार्यान्वयन अधिष्ठान की प्रगति रिपोर्ट से हुआ है। अधिष्ठान ने अप्रैल से जनवरी 2022-23 की प्रगति रिपोर्ट जारी कर दी है।

कुमाऊं मंडल का प्रदर्शन बेहतर

मंडलों में कुमाऊं मंडल का प्रदर्शन गढ़वाल मंडल की तुलना बेहतर रहा। कुमाऊं मंडल को 108 पूर्णांक में से 88 अंक प्राप्त हुए और 81.48 प्रतिशत अंक के साथ कुमाऊं मंडल की पहली रैंकिंग रही, जबकि 87 अंकों के साथ 80.56 प्रतिशत अंकों के साथ गढ़वाल मंडल दूसरा स्थान रहा।

इन 20 सूत्रों की कसौटी पर परखा

गरीबी हटाओ, किसान मित्र, खाद्य सुरक्षा, सबके लिए आवास, शुद्ध पेयजल, जन-जन का स्वास्थ्य, अनुसूचित जाति जनजाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग कल्याण, महिला कल्याण, पर्यावरण व वन वृद्धि, ग्रामीण सड़क, ग्रामीण ऊर्जा, लघु उद्योग, राष्ट्रीय बचत व लघु उद्योग।

पौड़ी जिले के अव्वल रहने की वजह

पौड़ी जिले ने 34 श्रेणियों में से 25 ए ग्रेड प्राप्त किया, जबकि उसे तीन में सी और दो में डी ग्रेड प्राप्त हुआ। बिजली उपलब्धता, ठोस कचरा प्रबंधन, पौधारोपण व पर्यावरण वृद्धि, क्रियाशील आंगनबाड़ी, मुख्य स्वरोजगार योजना, खाद्य सुरक्षा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पीएम आवास ग्रामीण में जिले की ए ग्रेड रहा, लेकिन ग्रामीण सड़कों, नगरीय आवास के मामले में जिले का प्रदर्शन लक्ष्य से पीछे रहा।

इन क्षेत्रों में पिछड़ा हरिद्वार

हरिद्वार की रैंकिंग सबसे आखिरी पायदान पर रही। जिले 18 श्रेणियों में ए, 10 में बी, दो में सी और तीन श्रेणियों में डी ग्रेड रहा। महिला कल्याण, एसी परिवारों को आर्थिक सहायता, नवीनीकरण ऊर्जा, पीएमजीएसवाई, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बाल टीकाकरण, शुद्ध पेयजल, पीएम आवास (नगरीय), राज्य खाद्य सुरक्षा योजना, अंत्योदय योजना व किसान मित्र योजना में लक्ष्य के अनुरूप प्रदर्शन नहीं रहा।

चंपावत ने किया सुधार, तीन जिलों की नौंवी रैंक

पिछले दो साल के दौरान चंपावत जिले की रैंकिंग में सुधार हुआ है। चंपावत जिले ने रैंक में सुधार करते हुए 13वें स्थान से नौंवें स्थान पर जगह बनाई है। उसके साथ नौंवें स्थान पर रुद्रप्रयाग और टिहरी जिला है।

रैंकिंग की स्थिति

रैंक जिला प्राप्तांक प्रतिशत

1. पौड़ी 89.52

2. यूएसनगर 88.57

3. चमोली 86.67

4. उत्तरकाशी 85.71

5. अल्मोड़ा 85.29

6. देहरादून 85.19

7. नैनीताल 84.26

8. बागेश्वर 83.81

9. रुद्रप्रयाग 83.33

10. टिहरी 83.33

11. चंपावत 3.99

12.पिथौरागढ़ 78.10

13.हरिद्वार 75.24

जिला योजना की बैठकों में 20 सूत्री कार्यक्रम के लक्ष्यों पर विशेष ध्यान दिया गया। विभागों को लक्ष्य के अनुरूप समयबद्ध ढंग से काम करने के निर्देश दिए गए। इन निर्देशों की अनुपालना के लिए नियमित तौर पर अनुश्रवण हुआ। जिन क्षेत्रों में लक्ष्य के अनुसार प्रदर्शन नहीं हो पाया है, उसके लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएंगे।

– आशीष चौहान, जिलाधिकारी, पौड़ी

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