यूं तो राजनीति में कहावत आपने भी सुनी होगी कि दुश्मन का दुश्मन मेरा दोस्त लेकिन यह कहीं ना कहीं अब सिद्ध होती भी दिख रही है हरीश रावत ने कल एक ऐसा बयान दिया है जिसने उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और उत्तराखंड में सीएम रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारीफ की और उन्होंने उनकी शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि जैसा मुख्यमंत्री था तो सदन में मदन कौशिक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमारी सरकार को पंजों के बल खड़ा रखा। साथ ही उन्होंने कहा कि हरिद्वार से भाजपा विधायक मदन कौशिक एक परिपक्व नेता हैं और उन्होंने पार्टी को खड़ा करने में काफी काम किया है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा उनको ज्यादा दिन तक दरकिनार नहीं कर सकती और ना कर पाएगी। उन्होंने हरिद्वार से लोकसभा चुनावों के बाद और आते हुए कहा कि जिस तरह से मैं हरिद्वार से चुनाव लड़ते हुए बहुत ही कम अंतर से जीता था उस समय मदन कौशिक ने ही मेरे लिए दिक्कत खड़ी करी थी।
निशंक गुट और स्वामी पर साधा निशाना
हाल ही में भाजपा आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को उनके पद से हटाकर बद्रीनाथ से पूर्व विधायक महेंद्र भट को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया था। तो वहीं दूसरी और हरिद्वार में भी पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने प्रेस वार्ता की थी और उनके और सांसद निशंक के समर्थकों में काफी उत्साह खुशी का माहौल देखने को मिला था। हरीश रावत ने इसी को मुद्दा बनाते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानदं और सांसद निशंक पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हटाए जाने के बाद हरिद्वार में कुछ लोगों ने मिठाई बाटी र खुशियां मनाई इससे भाजपा का दूसरा चेहरा सामने लेकर आता है। उन्होंने कहा कि मदन कौशिक को धन्यवाद कहने के बजाय कुछ लोगो ने खुशी जाहिर की यह बहुत दुख की बात है।
लोकसभा चुनाव की हो रही तैयारी
हालांकि अभी लोकसभा चुनाव काफी दूर है लेकिन हरिद्वार में जिस तरीके से रोजाना राजनीतिक नेताओं का जमावड़ा लग रहा है उससे यह दिखाता है कि हरिद्वार की राजनीति किस ओर करवट ले रही है। हाल ही में हरिद्वार के जयराम आश्रम पहुंचे हरक सिंह रावत ने भी हरिद्वार से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी तो वहीं अब हरीश रावत भी दिन-रात हरिद्वार में डेरा डाले हुए हैं और उन्होंने भी संकेत दिया कि वह भी हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। तो यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस पर अपना गांव खेलती है लेकिन वहीं दूसरी ओर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को पद से हटाए जाने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उनको इस बार हरिद्वार से लोकसभा चुनाव का टिकट दे सकती है। लेकिन वहीं दूसरी और दो बार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी दिन रात हरिद्वार में डटे हुए है और किसी भी कीमत पर नहीं चाहेंगे कि उनका टिकट काटकर पार्टी किसी ओर को दे। हालांकि इस बात से सभी वाकिफ होंगी हरिद्वार में किस तरह से भाजपा के अंदर दो गुटों की राजनीति लंबे समय से चलती आ रही है और इसका नुकसान भी पार्टी को समय-समय पर होता रहता है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में जिस तरह से लक्सर से भाजपा के पूर्व विधायक संजय गुप्ता और हरिद्वार के अन्य सीट के साथ-साथ प्रदेश में भी कई सीटों पर खुलकर मदन कौशिक पर भितरघात के आरोप लगाए गए थे तो यह भी माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं इस पर पार्टी ने संज्ञान लेते हुए उनको प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया है। लेकिन इतनी आसानी से तो मदन कौशिक भी चुप बैठने वाले नहीं हैं और सूत्रों के मुताबिक इस वक्त वह दिल्ली में है।
हरीश रावत है राजनीति के धुरंधर
हरीश रावत ने इस समय यह बयान देकर कहीं ना कहीं एक तीर से दो निशाने साधे हैं इधर उन्होंने निशंक के धुरविरोधी गुट को अपने साथ खड़ा करने की कोशिश की है जो कि उनको लोकसभा चुनाव में फायदा पहुंचा सके और उधर भाजपा पर भी तीखा हमला बोला है। अब यह तो वक्त ही बताएगा कि आखिर हरिद्वार के राजनीतिक किस और करवट लेती है और यहां से हरिद्वार की जनता किसको अपना नेता चुनकर लोकसभा भेजेंगी।
त्रिवेंद्र सिंह रावत की सराहना की
हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में जिस तरह से पेपर लीक मामले में गड़बड़ी और घोटाले सामने आ रहे हैं उस पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सरकार से आयोग को भंग करने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि जिस तरह से उत्तराखंड में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और उनकी नौकरियां खाई जा रही है। कहीं ना कहीं दुर्भाग्यपूर्ण हैं इस पर हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में वक्तव्य देते हुए देते हुए कहा कि उत्तराखंड का पूर्व मुख्यमंत्री अगर ऐसा कह रहा है तो कहीं ना कहीं यह दिखाता है कि भाजपा की सरकार में किस तरह से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस मामले में संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर कहा कि 2014 में हमने सबकी राय के बाद इसका गठन किया गया था और उसको बंद नहीं करना चाहिए। कड़ी मेहनत के बाद उत्तराखंड के छात्रों के लिए यह बोर्ड बनाया गया था।